मध्य प्रदेश से भ्रष्टाचार का अजीबो-गरीब मामला सामने आया है, इस बार शहडोल जिले के ब्यौहारी विधानसभा क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में हुई मरम्मत कार्य में भारी गड़बड़ी उभर कर सामने आई।
ग्राम सकंदी के शासकीय हाई स्कूल में मात्र 4 लीटर ऑयल पेंट की पुताई के लिए 168 मजदूर और 65 राज मिस्त्री दिखा दिए गए। इसका भुगतान भी कर दिया गया, जिसकी राशि ₹1,06,984 बताई जा रही है। इस पूरे काम का एक बिल इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
डॉक्यूमेंट्स में गड़बड़ी की बात
यह सारा काम अनुरक्षण मद के अंतर्गत करवाया गया है। दिलचस्प बात यह है कि बिल बनाने वाली एजेंसी सुधाकर कंस्ट्रक्शन की तरफ से बिल 5 मई 2025 को तैयार किया गया, लेकिन स्कूल प्राचार्य ने उसी बिल को 4 अप्रैल 2025, यानी एक माह पहले ही सत्यापित कर दिया। इस एक महीने की विसंगति ने पूरे मामले की नींव को ही हिला दिया है।
फोटोग्राफ गायब
सरकारी नियमानुसार अनुरक्षण कार्यों के पहले और बाद की तस्वीरें देयक के साथ अनिवार्य रूप से लगानी ही पड़ती हैं, लेकिन दोनों ही मामलों में न तो कोई फोटोग्राफ संलग्न किए गए, न ही काम की कोई स्पष्ट जानकारी दी गई। इसके बावजूद ट्रेजरी ऑफिसर ने भुगतान पारित कर दिया।
क्या बोले अधिकारी
इस पूरे मामले में जब जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, यह मामला मेरे संज्ञान में सोशल मीडिया के माध्यम से आया है। मैं जल्द ही जांच करवा कर आवश्यक कार्रवाई कराऊंगा।
इसी तरह, निपानिया ग्राम के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में 20 लीटर पेंट की पुताई, 10 खिड़कियां लगाने और 4 दरवाजों की फिटिंग के लिए 275 मजदूर और 150 मिस्त्री दर्शाए गए हैं। इसके एवज में कुल ₹2,31,685 की राशि आहरित की गई है।