• Home  
  • “बेटियों की सांसें चलती रहें… इसलिए सरकारी बंगला खाली नहीं कर पाया”- पूर्व CJI चंद्रचूड़
- दिल्ली - देश

“बेटियों की सांसें चलती रहें… इसलिए सरकारी बंगला खाली नहीं कर पाया”- पूर्व CJI चंद्रचूड़

सरकारी बंगले को लेकर उठे विवाद पर पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मिडिया को दिए साक्षात्कार में अपने दर्द को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी दोनों बेटियां- प्रियंका और माही- नेमालाइन मायोपैथी नामक एक दुर्लभ और लाइलाज आनुवंशिक रोग से पीड़ित हैं। […]

सरकारी बंगले को लेकर उठे विवाद पर पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए देश के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (CJI) जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मिडिया को दिए साक्षात्कार में अपने दर्द को साझा किया। उन्होंने बताया कि उनकी दोनों बेटियां- प्रियंका और माही- नेमालाइन मायोपैथी नामक एक दुर्लभ और लाइलाज आनुवंशिक रोग से पीड़ित हैं। यह बीमारी मांसपेशियों को धीरे-धीरे खत्म कर देती है और श्वसन तंत्र पर गंभीर असर डालती है।

चंद्रचूड़ ने कहा, “मेरे घर में ICU बना हुआ है, जहां एम्स और PGI चंडीगढ़ के विशेषज्ञों की टीम मेरी बेटियों की निगरानी करती है। प्रियंका पिछले तीन साल से ट्रेकियोस्टोमी और बाइपैप मशीन पर है।” उन्होंने बताया कि प्रियंका को महीने में कई बार ट्यूब बदलनी पड़ती है और संक्रमण से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था रखनी पड़ती है।

“हमारे लिए घर नहीं, जीवन रेखा है”

पूर्व CJI ने कहा कि बंगला सिर्फ एक निवास नहीं, बल्कि एक संजीवनी केंद्र बन गया है, जहां उनकी बेटियों के जीवन के लिए आवश्यक मेडिकल उपकरण, डॉक्टरों की टीम और ICU नर्सिंग सुविधा मौजूद है। “हम माता-पिता हैं। हमारी दुनिया बच्चों के इर्द-गिर्द घूमती है,” उन्होंने कहा। उन्होंने यह भी बताया कि दोनों बेटियों को विशेष डाइट, फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, श्वसन चिकित्सा, न्यूरोलॉजिकल थैरेपी और स्कोलियोसिस प्रबंधन की जरूरत पड़ती है।

“कल्पना ने कभी हार नहीं मानी”

चंद्रचूड़ ने बताया कि उनकी पत्नी कल्पना दुनिया भर के विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और डॉक्टरों से लगातार संपर्क में हैं। “जब प्रियंका 44 दिनों तक ICU में थी, कल्पना कई-कई रातें सोई नहीं। वह लगातार इलाज की उम्मीदों को खोज रही हैं,” उन्होंने कहा।

सुप्रीम कोर्ट ने खाली करने को कहा बंगला

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि पूर्व CJI को उनका सरकारी बंगला खाली करने को कहा जाए। लेकिन अब जब चंद्रचूड़ ने अपनी मजबूरी सार्वजनिक की है, यह मामला सिर्फ क़ानूनी नहीं, बल्कि मानवीय संवेदनाओं से जुड़ गया है।

एक उदाहरण बन गया परिवार

प्रियंका और माही न सिर्फ पर्यावरणप्रेमी हैं, बल्कि शाकाहार और नैतिक जीवनशैली की मिसाल भी हैं। “हम बच्चों के साथ रहते हैं, बाहर नहीं जाते, क्योंकि उनका जीवन ही हमारी प्राथमिकता है,” चंद्रचूड़ ने कहा।

निष्कर्ष-

पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़ की कहानी, उनके परिवार की संवेदनाएं और बेटियों के संघर्ष का यह सच उस संवेदना को छूता है, जो कानून के परे जाकर इंसानियत से जुड़ती है। न्याय के सर्वोच्च पद पर बैठा यह व्यक्ति आज खुद अपने बच्चों के लिए जीवन की लड़ाई लड़ रहा है- एक पिता के रूप में, एक पति के रूप में, एक इंसान के रूप में।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

उत्तम भारत में, हम सत्य की शक्ति, समुदाय के मूल्य और सूचित नागरिकों के महत्व में विश्वास करते हैं। 2011 में स्थापित, हमने अपने पाठकों को विश्वसनीय समाचार, व्यावहारिक विश्लेषण और महत्वपूर्ण कहानियाँ प्रदान करने पर गर्व किया है।

Email Us: uttambharat@gmail.com

Contact: +91.7678609906

Uttam Bharat @2025. All Rights Reserved.