Amit Shah Biography: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को अहमदाबाद में आयोजित ‘सहकार-संवाद’ कार्यक्रम के दौरान अपने रिटायरमेंट की योजनाओं का खुलासा करते हुए कहा कि वह सक्रिय राजनीति से विराम लेने के बाद वेदों, उपनिषदों के गहन अध्ययन और प्राकृतिक खेती को अपनाने का संकल्प कर चुके हैं।
हजारों महिलाओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति
कार्यक्रम में सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान की हजारों महिलाओं और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही। एक घंटे तक चले संवाद में अमित शाह ने खेती और स्वास्थ्य से जुड़ी गूढ़ बातें साझा कीं। उन्होंने कहा, “मैंने तय किया है कि जब भी रिटायर होऊंगा, अपना शेष जीवन वेद, उपनिषद और प्राकृतिक खेती को समर्पित करूंगा। प्राकृतिक खेती एक वैज्ञानिक प्रयोग है, जो मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण दोनों के लिए हितकारी है।
फर्टिलाइजर वाला गेहूं खाने से…
अमित शाह ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह खुद भी अपनी जमीन पर प्राकृतिक खेती कर रहे हैं और अब तक डेढ़ गुना उत्पादन बढ़ा चुके हैं। उन्होंने कहा, “फर्टिलाइजर वाला गेहूं खाने से कैंसर, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ और थायरॉयड जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। शुरू में इसका अंदाज़ा नहीं था, लेकिन अब स्पष्ट है कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रसायनमुक्त भोजन आवश्यक है।
विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी
उन्होंने यह भी कहा कि यदि लोग प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ते हैं, तो दवाओं पर निर्भरता स्वतः कम हो जाएगी। उनके अनुसार यह खेती केवल एक परंपरा नहीं बल्कि वैज्ञानिक सोच पर आधारित प्रयोग है जो आज के समय की आवश्यकता है। बीजेपी को विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनाने में अहम भूमिका निभा चुके अमित शाह की यह घोषणा दर्शाती है कि सक्रिय राजनीतिक जीवन के बाद भी उनका लक्ष्य राष्ट्र सेवा से पीछे नहीं हटना, बल्कि एक नए रूप में समाज को मार्गदर्शन देना है।