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Bihar Election 2025: चिराग के हमले पर गरम हुए मांझी, बोले- ‘गुड़ खाकर गुड़म्मा से परहेज ठीक नहीं’, एनडीए में दरार? चिराग-मांझी आमने-सामने

Bihar Election 2025: बिहार में बढ़ते अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के तीखे सवालों ने एनडीए के भीतर हलचल मचा दी है। लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग के बयान पर अब उनके ही सहयोगी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। […]

Bihar Election 2025: बिहार में बढ़ते अपराधों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के तीखे सवालों ने एनडीए के भीतर हलचल मचा दी है। लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग के बयान पर अब उनके ही सहयोगी और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बिना नाम लिए चिराग को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दे डाली।

मांझी ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा

अपराध करवाएं राजद वाले, तोहमत लगे सरकार पर, वाह रे गठबंधन धर्म। हमारे यहां एक कहावत है, गुड़ खाते हैं, गुड़अम्मे से परहेज, यह ठीक नहीं। मांझी ने स्पष्ट कहा कि जो लोग सरकार में शामिल हैं, उन्हें सार्वजनिक रूप से आलोचना करने से पहले आत्ममंथन करना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि बिहार सरकार माफियाओं को संरक्षण नहीं देती, बल्कि उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती है।

चिराग का हमला, मांझी की प्रतिक्रिया

इससे कुछ घंटे पहले चिराग पासवान ने बिहार में हो रही लगातार हत्याओं को लेकर बिहार पुलिस और नीतीश सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने कहा- बिहारी अब कितनी हत्याओं की भेंट चढ़ेंगे? बिहार पुलिस की क्या जिम्मेदारी है, यह समझ से परे है। इस बयान को लेकर सियासी हलकों में हलचल तेज है। चिराग और मांझी दोनों ही मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं, और एनडीए का हिस्सा हैं। हालांकि, दोनों के बीच दलित राजनीति के नेतृत्व को लेकर पहले भी तल्खियां देखी जा चुकी हैं। चिराग पासवान ने भले ही पहले मांझी को ‘पिता तुल्य’ बताकर रिश्तों में नरमी लाने की कोशिश की थी, मगर अब विवाद एक बार फिर सतह पर है।

क्या दरक रहा है एनडीए?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि एनडीए में यह तकरार केवल विचारधारा की नहीं, नेतृत्व की भी है। मांझी कभी भी चिराग पासवान को बिहार में दलित राजनीति का शीर्ष नेता स्वीकार नहीं कर पाए हैं। अब जब चिराग खुद को मुख्यमंत्री पद के संभावित चेहरे के रूप में देख रहे हैं, तो यह संघर्ष और तेज हो गया है।

विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि चिराग का यह आक्रामक रुख भाजपा की एक रणनीति का हिस्सा भी हो सकता है, जिसके तहत नीतीश कुमार को धीरे-धीरे किनारे लगाया जा रहा है। वहीं, मांझी का चिराग को खुली चेतावनी देना यह संकेत देता है कि एनडीए में तालमेल बनाए रखना अब पहले जैसा सहज नहीं रह गया है।

निष्कर्ष

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले ही एनडीए में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ रही है। चिराग पासवान के नीतीश सरकार पर हमले और मांझी की पलटवार शैली ने गठबंधन में भरोसे की दीवार को हिला दिया है। अब देखना यह है कि भाजपा इस तकरार को कैसे संभालती है- या यह टकराव अंततः एनडीए के भविष्य को प्रभावित करेगा।

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