Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रही बोइंग 787 ड्रीमलाइनर फ्लाइट हादसे का शिकार हो गई, जिसमें 270 यात्रियों की दर्दनाक मौत हुई। हादसे के करीब एक महीने बाद एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट ने जो खुलासे किए हैं, उसने न केवल तकनीकी खामियों की ओर इशारा किया है बल्कि अमेरिकी सरकार और विमान निर्माता कंपनी बोइंग की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या था हादसे का कारण
AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के कुछ ही देर बाद फ्यूल स्विच बंद हो गया, जिससे दोनों इंजनों को फ्यूल सप्लाई रुक गई। कॉकपिट में रिकॉर्ड हुई बातचीत के अनुसार, एक पायलट ने दूसरे से पूछा, “क्या आपने फ्यूल स्विच बंद किया?” जवाब मिला, “नहीं, मैंने नहीं किया।” आशंका है कि पायलटों ने स्विच दोबारा चालू करने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
बोइंग और अमेरिकी एजेंसी की सफाई
FAA (Federal Aviation Administration) और बोइंग ने इस रिपोर्ट के बाद एक संयुक्त नोटिफिकेशन जारी किया। FAA ने कहा कि बोइंग विमानों में लगे फ्यूल कंट्रोल स्विच के डिजाइन और लॉकिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित हैं और किसी भी अतिरिक्त एयरवर्थनेस डायरेक्टिव की आवश्यकता नहीं है।
सोशल मीडिया पर कई यूज़र्स ने इस बयान पर नाराज़गी जताई और आरोप लगाया कि FAA और अमेरिकी सरकार जानबूझकर बोइंग को बचाने की कोशिश कर रही है।
TCM पर फोकस क्यों?
बोइंग के थ्रस्ट कंट्रोल मॉड्यूल (TCM) को लेकर भी सवाल उठे हैं। एयर इंडिया ने बताया कि संबंधित विमान में TCM को 2019 और 2023 में बदला गया था। इन्हीं मॉड्यूल्स में फ्यूल कंट्रोल स्विच भी होते हैं, जो इस हादसे की जांच का केंद्र बने हुए हैं।
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की विवादित विरासत
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर को तकनीकी रूप से उन्नत, हल्का और ईंधन-कुशल विमान माना जाता है। यह 50% कंपोजिट कार्बन फाइबर से बना होता है, जिससे इसका वजन कम होता है। लेकिन इसकी सुरक्षा को लेकर शुरुआत से ही सवाल उठते रहे हैं।
2013: लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की घटनाओं के चलते 787 के पूरे बेड़े को अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिया गया।
2020-2022: मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट सामने आए बॉडी पार्ट्स के बीच गैप, असमान जोड़, और कार्बन फाइबर की खामी जैसी समस्याएं।
इंजन संबंधी दिक्कतें: रोल्स-रॉयस ट्रेंट 1000 और GE के GEnx इंजनों में बार-बार खराबी की शिकायतें मिलीं। इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल्योर, विंडशील्ड में दरार और सॉफ्टवेयर गड़बड़ियां भी सामने आईं।
क्या है बोइंग पर लगे आरोपों का इतिहास?
बोइंग पर इससे पहले भी गंभीर आरोप लग चुके हैं-
2018-19: Boeing 737 Max की दो घातक दुर्घटनाओं में 346 लोगों की जान गई। जांच में पाया गया कि MCAS नामक ऑटोमेशन सिस्टम के बारे में पायलटों को पर्याप्त जानकारी नहीं दी गई थी।
2023: अमेरिकी सीनेट में CEO डेव कॉलहम पर सेफ्टी नियमों के उल्लंघन, 787 की जांच में बाधा डालने और आपराधिक साजिश के आरोप लगे। उन्होंने इन आरोपों का कोई ठोस जवाब नहीं दिया।
इतिहास- 6000 से ज्यादा हादसे, 9000 से ज्यादा मौतें
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बोइंग के 108 साल के इतिहास में 6000 से ज्यादा विमान हादसे हो चुके हैं, जिनमें 9000 से अधिक लोगों की जान गई है। इनमें से 450 हादसे बड़े पैमाने पर जानलेवा साबित हुए हैं।
निष्कर्ष-
AAIB की रिपोर्ट के सामने आने के बाद सवाल यह नहीं है कि दुर्घटना क्यों हुई, बल्कि यह है कि क्या अमेरिकी सरकार और FAA जैसी एजेंसियां बोइंग को जानबूझकर कानूनी और नैतिक जिम्मेदारी से बचा रही हैं? अगर यह सही है, तो यह न केवल विमानन सुरक्षा के लिए खतरनाक है, बल्कि उन यात्रियों और उनके परिवारों के साथ भी अन्याय है जिन्होंने अपने अपनों को इस हादसे में खोया।
यह घटना केवल तकनीकी खामी नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर विमानन नियामकों की पारदर्शिता और जवाबदेही पर एक कठोर सवालिया निशान है।