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Aadhaar Card: मृतकों के आधार नंबर होंगे निष्क्रिय, यूआईडीएआई ने उठाया बड़ा कदम

नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) अब ऐसे आधार नंबर बंद कर रहा है जो उन लोगों के हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, ताकि उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल न हो सके। आधार नंबर एक 12 अंकों की खास पहचान होती है जो हर भारतीय नागरिक को दी जाती है। लेकिन किसी व्यक्ति […]

नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) अब ऐसे आधार नंबर बंद कर रहा है जो उन लोगों के हैं जिनकी मृत्यु हो चुकी है, ताकि उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल न हो सके। आधार नंबर एक 12 अंकों की खास पहचान होती है जो हर भारतीय नागरिक को दी जाती है। लेकिन किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका आधार नंबर बंद करना जरूरी हो जाता है ताकि कोई उसका गलत उपयोग न कर सके।

मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी व अन्य विवरण देने होंगे

इस काम को आसान बनाने के लिए यूआईडीएआई ने 9 जून 2025 को ‘माय आधार’ पोर्टल पर एक नई सेवा “परिवार के सदस्य की मृत्यु की सूचना” शुरू की। इस सेवा के जरिए कोई भी व्यक्ति अपने परिवार के मृत सदस्य की जानकारी देकर उनका आधार नंबर बंद करवाने के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए उन्हें अपनी पहचान साबित करनी होगी और मृत व्यक्ति का आधार नंबर, मृत्यु प्रमाण पत्र की जानकारी और अन्य विवरण देने होंगे। यह सुविधा फिलहाल 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हो चुकी है, बाकी राज्यों में भी जल्द शुरू होने की तैयारी है।

इतने लाख मृत्यु रिकॉर्ड मिले

इसके अलावा, यूआईडीएआई ने भारत के महापंजीयक (आरजीआई) से आधार नंबरों से जुड़े मृत्यु रिकॉर्ड साझा करने का अनुरोध किया था। यूआईडीएआई के अनुरोध पर भारत के महापंजीयक (आरजीआई) ने अब तक 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (सीआरएस) के माध्यम से लगभग 1.55 करोड़ मृत्यु रिकॉर्ड दिए। उचित सत्यापन के बाद करीब 1.17 करोड़ आधार नंबरों को निष्क्रिय कर दिया गया है। गैर-सीआरएस राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ भी इसी तरह की प्रक्रिया जारी है। अब तक लगभग 6.7 लाख मृत्यु रिकॉर्ड मिल चुके हैं और उन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया चल रही है।

आधार धारकों का डेमोग्राफिक डेटा

यूआईडीएआई मृतक आधार संख्या धारकों की पहचान करने में राज्य सरकारों की सहायता भी ले रहा है। एक पायलट परियोजना के तहत 100 साल से अधिक आयु वाले आधार धारकों का डेमोग्राफिक डेटा राज्यों को भेजा जा रहा है ताकि यह सत्यापित किया जा सके कि आधार धारक जीवित हैं या नहीं। रिपोर्ट प्राप्त होने पर ऐसे आधार नंबर को निष्क्रिय करने से पहले जरूरी सत्यापन किया जाएगा।

यूआईडीएआई की अपील है कि जब भी किसी परिवार के सदस्य की मृत्यु हो जाए और मृत्यु प्रमाण पत्र मिल जाए, तो ‘माय आधार’ पोर्टल पर उनकी जानकारी जरूर दें, ताकि उनका आधार नंबर समय रहते बंद किया जा सके।

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