Kargil Vijay Diwas: कारगिल विजय दिवस के मौके पर देश एक बार फिर 1999 की उस गौरवगाथा को याद कर रहा है, जब भारतीय सेना ने पाकिस्तान के घुसपैठियों को हिमालय की ऊंची चोटियों से खदेड़कर दुश्मन को करारा जवाब दिया।
इस जीत में सैनिकों की वीरता के साथ-साथ कुछ हथियार भी नायक बनकर उभरे, जिन्होंने युद्ध की दिशा बदल दी। 26 साल बाद भारत के पास पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक और घातक हथियारों का भंडार है।
कारगिल के हीरो हथियार
1. बोफोर्स FH-77B तोप
स्वीडिश 155 मिमी बोफोर्स तोप कारगिल की असली नायिका थी। 27 किमी तक मार करने वाली इस तोप ने टाइगर हिल, तोलोलिंग और प्वाइंट 4875 जैसे दुर्गम ठिकानों पर पाकिस्तानी बंकरों को ध्वस्त कर दिया।
2. मिराज-2000 लड़ाकू विमान
भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 ने ‘ऑपरेशन सफेद सागर’ के तहत लेजर-गाइडेड बमों से दुश्मन के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया। टाइगर हिल पर इन हमलों ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी।
3. SAF कार्बाइन और AK-47
नजदीकी लड़ाई में SAF कार्बाइन और AK-47 असॉल्ट राइफल ने भारतीय सैनिकों को मजबूती दी। कठिन पहाड़ी इलाकों में भी ये हथियार बिना रुके काम करते रहे।
4. रॉकेट और मोर्टार
2.5 लाख से अधिक गोले और 5000 बम फायर किए गए। लगातार 17 दिन की गोलाबारी ने दुश्मन की रसद और ठिकानों को तहस-नहस कर दिया।
5. इजरायल की मदद
इजरायल ने लेजर-गाइडेड मिसाइल, हेरोन ड्रोन और गोला-बारूद की सप्लाई देकर भारत को निर्णायक बढ़त दिलाई।
आज के हथियार: पहले से कई गुना घातक
कारगिल के बाद भारत ने रक्षा क्षेत्र में जबरदस्त सुधार किए। अब भारतीय सेना के पास ऐसे आधुनिक हथियार हैं, जिनकी मारक क्षमता, सटीकता और तकनीक दुश्मन के लिए किसी भी वक्त खतरा बन सकती है।
आधुनिक तोपखाना
धनुष हॉवित्जर: स्वदेशी तोप, 38 किमी तक मार, डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम।
K9 वज्र: 50 किमी तक मार, स्वचालित और तेज।
M777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर: हेलिकॉप्टर से ले जाने योग्य, ऊंचे इलाकों के लिए आदर्श।
नई पीढ़ी के लड़ाकू विमान
राफेल: SCALP क्रूज मिसाइल और मेटियोर हवा-से-हवा मिसाइल से लैस, मिराज-2000 से कई गुना ताकतवर।
तेजस Mk-1A: स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान, आधुनिक रडार और मिसाइल सिस्टम के साथ।
उन्नत ड्रोन: हेरोन टीपी और स्वदेशी रUSTOM-2, रियल-टाइम निगरानी और हमले में सक्षम।
छोटे हथियारों में क्रांति
SIG Sauer असॉल्ट राइफल: 700 मीटर तक सटीक निशाना, हल्की और विश्वसनीय।
M4A1 कार्बाइन: नाइट विजन और लेजर साइट्स के साथ, रात की लड़ाई में कारगर।
स्वदेशी ASMI मशीन पिस्टल: क्लोज-कॉम्बैट के लिए डिजाइन, तेज फायरिंग क्षमता।
मिसाइल और रॉकेट सिस्टम
पिनाका MBRL: 75 किमी तक मार, सटीक और विनाशकारी।
ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल: दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक मिसाइल, 400 किमी तक दुश्मन को ध्वस्त करने में सक्षम।
आकाश मिसाइल: हवाई हमलों से रक्षा का मजबूत कवच।
जासूसी और संचार में क्रांति
उन्नत ड्रोन्स, ISRO के सैटेलाइट्स और सुरक्षित कम्यूनिकेशन नेटवर्क ने सेना की कमांड और नियंत्रण को नए स्तर पर पहुंचा दिया है।
निष्कर्ष- भारत अब कहीं ज्यादा मजबूत
कारगिल के बाद सीखे गए सबक ने भारतीय सेना को और सशक्त बनाया। आज भारत न केवल विदेशी हथियारों पर निर्भर है, बल्कि स्वदेशी तकनीक से आत्मनिर्भर हो रहा है। आधुनिक तोपखाने, राफेल जैसे लड़ाकू विमान, ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें और ड्रोन तकनीक ने भारतीय सेना को 1999 के मुकाबले कई गुना शक्तिशाली बना दिया है।
कारगिल के हीरो हथियारों की विरासत आज भी जिंदा है, लेकिन अब भारत के पास ऐसे हथियार हैं, जिनसे दुश्मन को चुनौती देने के लिए हमें किसी कारगिल की जरूरत नहीं।
न्यूज़ एडिटर बी के झा की रिपोर्ट-