Women Safety Pink Booth: महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से दिल्ली पुलिस द्वारा शुरू की गई पिंक बूथ योजना अब उपेक्षा का शिकार होती नजर आ रही है। राजधानी के कई पिंक बूथ जर्जर हालत में हैं, सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं और महिला पुलिसकर्मियों की अनुपस्थिति ने इस पहल पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
महिला सुरक्षा के लिए बनी योजना पर ग्रहण
पूर्व पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना के कार्यकाल में 15 जिलों में 139 पिंक बूथ स्थापित किए गए थे। इसका उद्देश्य था कि महिलाएं बिना झिझक अपनी शिकायत दर्ज करा सकें और तुरंत मदद पा सकें। लेकिन मौजूदा हालात में कई पिंक बूथ अपने मूल उद्देश्य से भटक गए हैं।
जनपथ और माता सुंदरी कॉलेज के बूथ का हाल
जनपथ मार्केट का पिंक बूथ अब महिलाओं की मदद के बजाय पुलिसकर्मियों की आरामगाह बन गया है। महिला स्टाफ की अनुपस्थिति में यहां पुरुष पुलिसकर्मी समय बिताते दिखाई देते हैं, जिससे महिलाएं खुलकर शिकायत नहीं कर पातीं। माता सुंदरी कॉलेज का बूथ जर्जर हो चुका है, दीवारों का प्लास्टर झड़ रहा है, सीसीटीवी खराब हैं और बैठने की सुविधा तक नहीं है।
जीबी रोड पर सक्रिय है पिंक बूथ
इसके विपरीत, जीबी रोड का पिंक बूथ पिछले तीन सालों से पूरी तरह महिला स्टाफ के साथ सक्रिय है और यह महिला सुरक्षा के लिए एक बेहतर उदाहरण माना जा रहा है।
प्रशासन से नहीं कोई प्रतिक्रिया
जानकारी के अनुसार शाहदरा जिले में सबसे ज्यादा 17 पिंक बूथ हैं। इस मुद्दे पर जब मध्य जिला पुलिस उपायुक्त निधिन वालसन से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।