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Sudden Cardiac Death: युवाओं में बढ़ रहे सडन कार्डियक डेथ मामले

Sudden Cardiac Death: लाइफस्टाइल से जुड़े कई कारण ऐसे हालात पैदा कर सकते हैं, जिनमें दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। यह कहना है विशेषज्ञों का। इसे चिकित्सा भाषा में सडन कार्डियक डेथ कहा जाता है। यह तब होती है जब दिल की धड़कनों का प्राकृतिक रिद्म अचानक बिगड़ जाता है, जिसे अरिथमिया […]

Sudden Cardiac Death: लाइफस्टाइल से जुड़े कई कारण ऐसे हालात पैदा कर सकते हैं, जिनमें दिल अचानक काम करना बंद कर देता है। यह कहना है विशेषज्ञों का। इसे चिकित्सा भाषा में सडन कार्डियक डेथ कहा जाता है।

यह तब होती है जब दिल की धड़कनों का प्राकृतिक रिद्म अचानक बिगड़ जाता है, जिसे अरिथमिया कहा जाता है। हमारा दिल एक विद्युत सर्किट की तरह काम करता है, जो धड़कनों को नियंत्रित करता है। जब इस सर्किट में गड़बड़ी होती है, तो धड़कनें बहुत तेज या धीमी हो सकती हैं।

कुछ ही मिनटों में मृत्यु

नतीजतन, दिल खून को शरीर में पंप नहीं कर पाता और कुछ ही मिनटों में मृत्यु हो सकती है। कम उम्र में ऐसे मामलों के बढ़ने के पीछे कई वजहें हैं। खराब लाइफस्टाइल, तनाव, नींद की कमी, असंतुलित खानपान और एक्सरसाइज की अनदेखी सीधे दिल की सेहत को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, कमजोर हृदय मांसपेशियां या जन्मजात हृदय रोग जैसी छिपी समस्याएं बिना लक्षण दिखाए जानलेवा साबित हो सकती हैं। युवाओं में मानसिक दबाव और स्ट्रेस भी एक बड़ा कारक है, जो ब्लड प्रेशर और हार्मोनल संतुलन को बिगाड़कर दिल पर असर डालता है।

20 से 40 वर्ष की उम्र के लोग चपेट में

धूम्रपान, शराब और नशे की आदतें भी दिल की धड़कनों में खतरनाक उतार-चढ़ाव ला सकती हैं। पहले हृदय रोग को बुजुर्गों की समस्या माना जाता था, लेकिन अब 20 से 40 वर्ष की उम्र के लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। तेज रफ्तार जीवनशैली, फास्ट और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन, लंबे समय तक बैठे-बैठे काम करना और नियमित हेल्थ चेकअप की अनदेखी इस जोखिम को और बढ़ा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, बचाव के लिए कुछ आदतें अपनाना जरूरी है।

परिवार में हृदय रोग का इतिहास

साल में कम से कम एक बार हार्ट चेकअप कराएं, खासकर अगर परिवार में हृदय रोग का इतिहास हो। रोजाना 30 से 40 मिनट हल्की-फुल्की कसरत, संतुलित और कम वसा वाला आहार, पर्याप्त नींद और स्ट्रेस कम करने के लिए योग या मेडिटेशन फायदेमंद हो सकते हैं।

सिर्फ फिट दिखना ही पर्याप्त नहीं

इसके अलावा, खेलकूद या जिम शुरू करने से पहले फिटनेस टेस्ट कराना भी जरूरी है, ताकि किसी छिपी हृदय समस्या का समय रहते पता चल सके। कम उम्र में दिल की अचानक रुकने की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि सिर्फ फिट दिखना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि दिल की आंतरिक सेहत पर भी बराबर ध्यान देना जरूरी है।

26 वर्षीय युवक की अचानक मौत

समय पर सावधानी और स्वस्थ जीवनशैली से इस खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। मालूम हो कि हाल ही में हैदराबाद में बैडमिंटन खेलते वक्त 26 वर्षीय युवक की अचानक मौत ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पूरी तरह फिट और युवा लोग भी दिल की गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं।

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