भारत में iPhone पर टैरिफ लगने को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। भारत से Apple के iPhone निर्यात पर अभी तक कोई असर नहीं पड़ा है। अप्रैल में ट्रम्प प्रशासन ने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों को रेसिप्रोकल टैरिफ से छूट दी थी।
बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के…
इस छूट की वजह से iPhone सहित Apple के सेमीकंडक्टर पावर्ड डिवाइस बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भारत से अमेरिकी बाजार में एंट्री कर रहे हैं। इस छूट ने न केवल Apple बल्कि Nvidia जैसी अन्य टेक्नोलॉजी कंपनियों को भी राहत प्रदान की है।
आम वस्तुओं पर पड़ रहा असर
स्थिति अभी भी अस्थिर है। धारा 232 के तहत स्टील और एल्युमीनियम पर शुल्क लगाने के लिए शक्तियों का इस्तेमाल पहले ही किया जा चुका है, जिसका असर मछली पकड़ने की रील और झाड़ू जैसी आम वस्तुओं पर भी पड़ रहा है। विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि यही अधिकार स्मार्टफोन पर भी लागू हो सकते हैं।
iPhone का प्रोडक्शन हब
Apple के लिए भारत अब सिर्फ चीन का विकल्प नहीं बल्कि अमेरिका भेजे जाने वाले iPhone का प्रोडक्शन हब भी बन गया है। कंपनी की स्थिति मज़बूत है लेकिन भविष्य में कंपनी का फायदा इस बात पर निर्भर करता है कि क्या वाशिंगटन दरवाजा खुला रखता है या नए टैरिफ लगाकर उसे बंद करने का फैसला करता है।
अमेरिका में बिक रहे भारत में बने आईफोन
अमेरिका में बेचे गए 71 प्रतिशत iPhone भारत में बने हैं और एक साल पहले ये आंकड़ा 31 प्रतिशत से काफी ज्यादा है। फ़ॉक्सकॉन ने इस साल मार्च और मई के बीच भारत से 3.2 अरब डॉलर मूल्य के iPhone निर्यात किए जिनमें से औसतन 97 प्रतिशत अमेरिका गए हैं।