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BJP में बड़ा बदलाव, नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा से पहले बढ़ा सियासी तापमान, कैबिनेट फेरबदल के संकेत

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठन में संभावित बड़े बदलावों को लेकर दिल्ली की सियासत गरमाई हुई है। जहां एक ओर पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा को लेकर अटकलें तेज़ हैं, वहीं दूसरी ओर राज्यपालों की तैनाती, राज्यसभा सदस्यों के मनोनयन और मंत्रिमंडल पुनर्गठन की संभावनाएं भी जोर पकड़ रही हैं। सियासी गलियारों […]

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठन में संभावित बड़े बदलावों को लेकर दिल्ली की सियासत गरमाई हुई है। जहां एक ओर पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा को लेकर अटकलें तेज़ हैं, वहीं दूसरी ओर राज्यपालों की तैनाती, राज्यसभा सदस्यों के मनोनयन और मंत्रिमंडल पुनर्गठन की संभावनाएं भी जोर पकड़ रही हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में होने वाले संभावित कैबिनेट फेरबदल की भूमिका तैयार कर सकता है।

फिलहाल भाजपा की कमान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के हाथों में है, लेकिन पार्टी के 37 में से आधे से अधिक प्रदेशों में अध्यक्षों की नियुक्ति के बाद अब राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव की उम्मीद जताई जा रही है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में संकेत दिए कि संगठन और सरकार, दोनों स्तरों पर परिवर्तन की योजना बनाई जा रही है।

राज्यपालों और राज्यसभा में बदलाव

हाल ही में केंद्र सरकार ने हरियाणा और गोवा के राज्यपालों तथा लद्दाख के उपराज्यपाल की नियुक्ति की है। इसके अलावा, एडवोकेट उज्ज्वल निकम, इतिहासकार मीनाक्षी जैन, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला और शिक्षाविद् सी सदानंद मास्टर को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। जानकारों का मानना है कि इन बदलावों से संकेत मिलता है कि भाजपा अब संगठनात्मक और नीति-स्तर पर नई प्राथमिकताओं के साथ आगे बढ़ रही है।

कैबिनेट फेरबदल की संभावना

सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार के पहले दो कार्यकालों में जिन वरिष्ठ मंत्रियों को प्रमुख मंत्रालयों में दोहराया गया था, उनके पोर्टफोलियो में अब बदलाव हो सकता है। विशेष रूप से विदेश नीति और वाणिज्य जैसे क्षेत्रों में अमेरिका की नई व्यापार नीति को देखते हुए संतुलन की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्यसभा के उन सदस्यों को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है जिनका कार्यकाल समाप्ति के कगार पर है। इन्हें संगठन में नई भूमिका दी जा सकती है। इसके अलावा, जेडीयू, लोजपा और तेलुगु देशम पार्टी जैसे NDA सहयोगी दलों से कुछ नेताओं को कैबिनेट में स्थान मिल सकता है, विशेषकर बिहार चुनावों को ध्यान में रखते हुए।

“अब अगला कदम क्या?”

पार्टी के एक प्रमुख रणनीतिकार ने कहा, “अब सवाल यह नहीं है कि कुछ होगा या नहीं, बल्कि यह है कि सबसे पहले क्या होगा – गवर्नरों में फेरबदल, राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा, नेताओं की संगठन में तैनाती या फिर सीधे कैबिनेट फेरबदल। पार्टी की रणनीति स्पष्ट रूप से संगठन और सरकार, दोनों मोर्चों पर नए समीकरण गढ़ने की ओर इशारा कर रही है। भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा और कैबिनेट फेरबदल आने वाले दिनों में भारतीय राजनीति की दिशा तय कर सकते हैं।

न्यूज़ एडिटर बी के झा की रिपोर्ट-

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