Bihar election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने तकनीक के जरिए अपने संगठन को धार देने की मुहिम तेज कर दी है। पार्टी ने राजधानी पटना के मंत्री इन्क्लेव, गर्दनीबाग में अत्याधुनिक वॉर रूम स्थापित किया है, जहां 50 से 60 प्रोफेशनल्स चौबीसों घंटे जमीनी गतिविधियों की निगरानी कर रहे हैं।
‘माई बहिन मान योजना’, ‘हर घर झंडा’ और ‘चौपाल’ पर विशेष फोकस
पार्टी के मुख्य कार्यक्रमों पर पैनी नजर रखने के लिए डिजिटल सिस्टम तैयार किया गया है। ‘माई बहिन मान योजना’ के अंतर्गत जैसे ही कोई फार्म भरा जाता है, वॉर रूम को तुरंत उसकी जानकारी मिल जाती है- किस नेता ने कहां फॉर्म भरवाया। घरों पर झंडा लगाने के बाद कार्यकर्ताओं से तस्वीरें मंगाई जा रही हैं, जबकि चौपाल कार्यक्रम को लाइव देखा जा रहा है ताकि भीड़ का सही अनुमान लगाया जा सके।
संगठन के भीतर पारदर्शिता और जवाबदेही
कांग्रेस का यह प्रयास सिर्फ विरोधियों पर प्रहार तक सीमित नहीं है, बल्कि संगठन के भीतर भी निगरानी इतनी कड़ी है कि कोई भी नेता आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं कर सकता। पार्टी की तीन स्तरों पर निगरानी टीम सक्रिय है- प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC), युवा कांग्रेस और NSUI।
500 से अधिक नेता जुटे फीडबैक लेने में
जमीनी स्तर पर 500 से अधिक कांग्रेस नेता क्षेत्रों से नियमित फीडबैक जुटा रहे हैं। वहीं, वॉर रूम उम्मीदवारों की संभावनाओं को परखने में भी जुटा है। टिकट के दावेदारों के आवेदन का विश्लेषण किया जा रहा है और स्थानीय लोगों से उनकी लोकप्रियता के बारे में जानकारी ली जा रही है।
मजबूत रिसर्च विंग बना हथियार
इस बार कांग्रेस ने एक सशक्त शोध इकाई भी गठित की है, जो बेरोजगारी, अपराध, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों पर आंकड़ों के जरिए विरोधियों को जवाब दे रही है। विभिन्न एजेंसियों और सरकारी आंकड़ों के विश्लेषण के जरिए केंद्र और राज्य सरकार को घेरने की रणनीति अपनाई जा रही है।
सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रणनीति
सोशल मीडिया विंग कांग्रेस के डिजिटल चेहरे को मजबूत बना रहा है। बिहार से जुड़ी हर घटना पर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे सहित स्थानीय नेताओं की त्वरित प्रतिक्रियाएं जारी की जा रही हैं। इस बार पेड वर्करों की टीम विधानसभावार सर्वे भी कर रही है और पार्टी की गतिविधियों का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित कर रही है।
तीन श्रेणियों में बांटे गए विधानसभा क्षेत्र
कांग्रेस ने रणनीतिक दृष्टिकोण से विधानसभा क्षेत्रों को तीन श्रेणियों-ए, बी और सी-में विभाजित किया है। ए श्रेणी में वे सीटें हैं जहां पार्टी पिछली बार जीती थी, बी में वे जहां मामूली अंतर से हारी थी, और सी श्रेणी में कमजोर मानी जा रही सीटें शामिल हैं। इसी वर्गीकरण के अनुसार रणनीति बनाई जा रही है।
डर भी है, तैयारी भी है-
हालांकि कांग्रेस नेतृत्व के मन में यह आशंका भी बनी हुई है कि कहीं कुछ नेता चुनाव से पहले पाला न बदल लें। इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए संगठनात्मक मजबूती और पारदर्शिता की दिशा में यह व्यापक कदम उठाया गया है।