Bihar Flood Crisis: बिहार एक बार फिर भीषण बाढ़ की चपेट में है। राज्य में गंगा समेत कई नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और हालात चिंताजनक होते जा रहे हैं। केंद्रीय जल आयोग (CWC) की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के छह नदी निगरानी केंद्र खतरे के निशान को पार कर चुके हैं, जबकि नौ केंद्र चेतावनी स्तर के ऊपर रिकॉर्ड किए गए हैं।
15 फीसदी हिस्सा बाढ़ से प्रभावित
पटना जिले का करीब 15 फीसदी हिस्सा बाढ़ से प्रभावित है। सैटेलाइट इमेजेज के अनुसार, भागलपुर का 15.7%, खगड़िया का 8.5% और बेगूसराय का 6.4% हिस्सा जलमग्न है। बक्सर, गांधी घाट (पटना), हाथीदह और कहलगांव (भागलपुर) जैसे नदी केंद्र पहले ही खतरे की रेखा पार कर चुके हैं, जबकि वैशाली, मुंगेर, कटिहार जैसे जिलों में स्थिति तेजी से बिगड़ रही है।
जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
गांधी घाट पर तीन दिनों में गंगा का जलस्तर 50 सेंटीमीटर बढ़ा है। कहलगांव में यह 30 सेंटीमीटर और कटिहार के कुर्सेला स्टेशन पर 28 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। इस अचानक बढ़े जलस्तर से बाढ़ का खतरा और गंभीर हो गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में हालात और खराब हैं। भोजपुर के जवनिया गांव में गंगा के उफान से 50 से अधिक घर बह गए हैं। खगड़िया में छात्र नावों के सहारे स्कूल पहुंचने को मजबूर हैं।
बारिश ने किया हाल बेहाल
कई जगहों पर सड़कों पर पानी भर गया है और यातायात ठप हो चुका है। राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्य तेज करते हुए जल संसाधन विभाग के अभियंताओं और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमों को प्रभावित इलाकों में तैनात किया है। नेपाल और अन्य ऊपरी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने हालात को और गंभीर बना दिया है।
लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजने के प्रयास तेज
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि वर्षा का सिलसिला इसी तरह जारी रहा तो गंगा समेत अन्य नदियों का जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति और भयावह हो सकती है। प्रभावित जिलों में राहत कार्यों की निगरानी तेज करने और सुरक्षित ठिकानों पर लोगों को पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन पानी के लगातार बढ़ते स्तर ने प्रशासन की चुनौतियों को कई गुना बढ़ा दिया है।
न्यूज़ एडिटर बी के झा की रिपोर्ट-