Bihar News: बेनीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में एक नाबालिग लड़की के साथ कथित रूप से दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता की मां की शिकायत पर महिला थाना, दरभंगा में चार युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घटना के बाद पीड़िता की हालत गंभीर हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
क्या है मामला
पीड़िता की मां के अनुसार, 13 जुलाई को किशोरी स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी। कुछ ही दूरी पर चार युवक उसे जबरन एक घर में ले गए, जहां एक नामजद युवक ने कथित रूप से दिनभर उससे दुष्कर्म किया। परिजनों को देर शाम इस घटना की जानकारी मिली। जब उन्होंने जाकर लड़की को छुड़ाने की कोशिश की, तो आरोपितों ने उसे छोड़ने से इनकार कर दिया। परिजनों के अनुसार, काफी प्रयास के बाद वे पीड़िता को बाहर निकाल सके।
घटना के बाद पीड़िता की तबीयत बिगड़ती चली गई। 20 जुलाई की शाम परिजनों ने उसे बेनीपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से उसे देर रात डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) रेफर किया गया। पीड़िता का वहां इलाज चल रहा है।
डराने-धमकाने का आरोप
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि आरोपितों के परिजन लगातार उन्हें धमका रहे थे और गांव से बाहर निकलने से रोक रहे थे। इसके बावजूद उन्होंने साहस जुटाकर बेंता थाना के माध्यम से महिला थाने में मामला दर्ज कराया।
पुलिस जांच में प्रेम प्रसंग का संकेत
घटना की जानकारी मिलते ही महिला थानाध्यक्ष आरती कुमारी, एसडीपीओ आशुतोष कुमार, प्रभाकर तिवारी और स्थानीय थानाध्यक्ष विनय मिश्रा ने गांव पहुंचकर पीड़िता के घर जाकर जांच की। पूछताछ और वीडियो रिकॉर्डिंग के दौरान यह बात सामने आई कि पीड़िता और मुख्य आरोपित युवक के बीच पूर्व से संबंध थे। पुलिस के अनुसार, यह मामला प्रेम प्रसंग का प्रतीत होता है, लेकिन पीड़िता की नाबालिग उम्र को देखते हुए पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है।
पुलिस का बयान: दोषी नहीं बचेंगे
थानाध्यक्ष विनय मिश्रा ने बताया कि घटना की जानकारी उन्हें महिला थाने से मिली। उन्होंने कहा, “मामले में पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है। पीड़िता के नाबालिग होने के कारण मामला पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत ही रहेगा। अन्य तीन युवकों की भूमिका की भी जांच हो रही है।
एसडीपीओ आशुतोष कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मामले की निष्पक्ष जांच जारी है। पीड़िता की मां के बयान के आधार पर अन्य आरोपितों की भूमिका की भी जांच हो रही है। साक्ष्य के आधार पर ही अगली कार्रवाई की जाएगी।”
यह मामला बेहद संवेदनशील है। समाज और प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़िता को न्याय मिले और कोई भी दोषी कानून के दायरे से बाहर न रहे। साथ ही यह भी ज़रूरी है कि पीड़िता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाए और कानून प्रक्रिया को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।
न्यूज़ एडिटर बी के झा की रिपोर्ट-