Chirag Paswan U-Turn: बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार पर सवाल उठाने वाले केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री और लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान ने अब उनके नेतृत्व पर भरोसा जताते हुए कहा है कि एनडीए आगामी विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेगा और चुनाव जीतने के बाद नीतीश ही मुख्यमंत्री बनेंगे।
चिराग पासवान ने अपने बयान में स्पष्ट किया, “मेरे शब्दों में बगावत नहीं बल्कि बिहार के लिए चिंता है। जो लोग इसे राजनीति का मुद्दा बनाकर एनडीए को कमजोर करना चाहते हैं, वे सफल नहीं होंगे।
पहले की आलोचना, अब ‘डैमेज कंट्रोल
हाल ही में चिराग ने बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा था कि “दुख है कि ऐसी सरकार को समर्थन दे रहा हूं।” इस बयान पर जेडीयू और हम (हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा) के नेता जीतनराम मांझी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। मांझी ने ट्वीट कर कहा था कि नीतीश के साथ काम करना गर्व की बात है और चिराग को अनुभवहीन नेता बताया।
हालात बिगड़ते देख चिराग ने डैमेज कंट्रोल करते हुए कहा कि मांझी उनके गार्जियन हैं और उनकी बातें बिहार के हित में होती हैं।
पप्पू यादव का तंज
पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने चिराग पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उनका मेल प्रशांत किशोर के साथ हो चुका है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “प्रशांत किशोर को चिराग पासवान को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर देना चाहिए। अगर चिराग का मन उधर नहीं लग रहा तो इधर आ जाएं, हम उनका स्वागत करेंगे।
तेजस्वी यादव की चुनौती और जेडीयू का हमला
वहीं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एसआईआर का विरोध करते हुए चुनाव के बहिष्कार की बात कही, जिसे कांग्रेस ने समर्थन दिया। इस पर बीजेपी ने तेजस्वी को चुनौती दी। जेडीयू के प्रवक्ता संजीव कुमार ने चिराग से सवाल किया, “आपके पास एक भी विधायक नहीं है, फिर आप नीतीश सरकार को समर्थन कैसे दे रहे हैं?
राजनीतिक विश्लेषण
विशेषज्ञों का मानना है कि चिराग का रुख बदलना महज संयोग नहीं है। जेडीयू के हमलों के बाद भाजपा नेतृत्व ने स्थिति भांपते हुए चिराग को नीतीश के समर्थन में खड़ा होने का संकेत दिया। यही वजह है कि चिराग ने अपना सुर बदल लिया।
निष्कर्ष
बिहार की राजनीति में चिराग पासवान की यह ‘यू-टर्न’ रणनीति चर्चा का विषय बनी हुई है। आलोचकों का कहना है कि वे अपने बयानों से खुद को हास्य का पात्र बना रहे हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि आगामी विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी कितनी सीटें जीत पाती है और क्या उनकी बदली हुई रणनीति एनडीए के लिए लाभकारी साबित होगी।
न्यूज़ एडिटर बी के झा की रिपोर्ट-