Delhi Floods: दिल्ली के मंत्री प्रवेश वर्मा ने राजधानी में जलभराव की स्थिति को लेकर विपक्ष द्वारा किए जा रहे दावों को खारिज किया है। उन्होंने सिविल लाइंस इलाके का दौरा करने के बाद कहा कि दिल्ली यमुना नदी में पूरी तरह से नहीं डूबी है और हालात उतने गंभीर नहीं हैं, जितना कि बताया जा रहा है।
जलभराव की समस्या निचले इलाकों तक सीमित
प्रवेश वर्मा ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि सिविल लाइंस जैसे महत्वपूर्ण इलाकों में पानी नहीं भरा है। उन्होंने बताया कि जलभराव की समस्या केवल कुछ निचले इलाकों तक सीमित है, जिनमें रिंग रोड की निचली सर्विस रोड प्रमुख है। उन्होंने कहा, “रिंग रोड से लगी सर्विस रोड सड़क स्तर से लगभग 10 फीट नीचे है, जहां बारिश का पानी जमा हो जाता है। ऐसे स्थानों से पानी निकासी का काम लगातार किया जा रहा है।
यमुना नदी का बढ़ता जलस्तर
मंत्री ने दावा किया कि दिल्ली सरकार और नगर निगम मिलकर जलभराव की समस्या से निपटने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल निकासी के लिए अतिरिक्त पंप लगाए गए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य जारी है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बीते दिनों भारी बारिश और यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण दिल्ली के कई हिस्सों में पानी भरने की खबरें सामने आई थीं, जिससे विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाए थे।
स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप
प्रवेश वर्मा ने विपक्ष पर स्थिति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विपक्ष आम लोगों में अनावश्यक रूप से भय का माहौल बना रहा है। उन्होंने जनता को आश्वासन दिया कि प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और भविष्य में अगर और बारिश होती है तो भी जल निकासी के इंतजाम मजबूत हैं।
निचले इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
गौरतलब है कि दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है, जिसके कारण यमुना बाजार, गीता कॉलोनी और मयूर विहार जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। हालांकि, वर्मा के बयान से यह संकेत मिलता है कि सरकार स्थिति को नियंत्रित करने के लिए गंभीर है और अफवाहों के बजाय वास्तविक तथ्यों पर ध्यान केंद्रित करने की अपील कर रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या का स्थायी समाधान नालों की नियमित सफाई और ड्रेनेज सिस्टम के आधुनिकीकरण से ही संभव है।