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India Russia Relations: डॉ. जयशंकर ने कहा- दूसरे विश्वयुद्ध के बाद भारत-रूस संबंध दुनिया में सबसे स्थिर

India Russia Relations: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अहम मुलाकात की।डॉ. जयशंकर ने दोनों देशों के संबंधों की मजबूती के साथ राष्ट्रपति पुतिन की इस साल के अंत में प्रस्तावित भारत यात्रा के विभिन्न पहलुओं को अंतिम रूप देने पर भी चर्चा की। रूस की […]

India Russia Relations: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अहम मुलाकात की।डॉ. जयशंकर ने दोनों देशों के संबंधों की मजबूती के साथ राष्ट्रपति पुतिन की इस साल के अंत में प्रस्तावित भारत यात्रा के विभिन्न पहलुओं को अंतिम रूप देने पर भी चर्चा की। रूस की तीन दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे डॉ. जयशंकर की पुतिन से यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है।

एस जयशंकर की पुतिन से मुलाकात

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्रेमलिन में राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। इससे पहले एस जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और प्रथम उप-प्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव से भी मुलाकात की। इन मुलाकातों की तस्वीरें डॉ. जयशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की हैं।

भारत-रूस संबंध सबसे मजबूत

रूसी एजेंसी तास के मुताबिक पुतिन से मुलाकात के बाद डॉ. जयशंकर ने सर्गेई लावरोव के साथ साझा संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद भारत-रूस संबंध सबसे मजबूत और स्थिर रिश्तों में से एक रहा है। रूस के साथ रक्षा और सैन्य सहयोग मजबूत है। रूस संयुक्त उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सहित भारत के ‘मेक इन इंडिया’ लक्ष्यों का समर्थन करता है।

हमारी विशेष रणनीतिक साझेदारी

लावरोव ने कहा कि वार्ता में आगामी कार्यक्रमों पर चर्चा की गई जिसमें इस साल के अंत में होने वाली रूस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा की तैयारी भी शामिल है। लावरोव ने रूस- भारत संबंधों को विशेष रणनीतिक साझेदारी बताया।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन संकट को लेकर 18 अगस्त को राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन कर अलास्का में हुई रूस-अमेरिका सम्मेलन को लेकर बातचीत की। इससे पहले 7 अगस्त को पुतिन ने भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिले।

अमेरिका की भारत से जली

ये मुलाकातें ऐसे समय में हो रही हैं जब अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि रूस से कच्चा तेल खरीद कर भारत अप्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन युद्ध में मदद कर रहा है। अमेरिका का कहना है कि ये कदम रूस पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए उठाए गए हैं।

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