नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शनिवार को नागपुर में एक सम्मेलन के दौरान अपने बेबाक बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने कहा कि सत्ता, धन, ज्ञान और सौंदर्य प्राप्त करने के बाद अक्सर लोग अहंकार में डूब जाते हैं।
मैं साहब बन गया हूं, सबसे बुद्धिमान हूं…
गडकरी ने चुटकी लेते हुए नेताओं के घमंड पर तंज कसा और कहा, “मैं सबसे बुद्धिमान हूं, मैं साहब बन गया हूं… अब मैं दूसरों की गिनती भी नहीं करता।” उन्होंने आगाह किया कि ऐसा रवैया सच्चे नेतृत्व को कमजोर कर देता है।
“सम्मान मांगने से नहीं, कर्मों से मिलता है”
गडकरी ने जोर देकर कहा कि कोई भी खुद को थोपकर महान नहीं बनता। उन्होंने कहा, “इतिहास गवाह है कि जिन्होंने खुद को दूसरों पर थोपने की कोशिश की, वे कभी टिक नहीं पाए। असली नेतृत्व वह है जो मानवीय रिश्तों में निहित होता है। सम्मान कभी मांगने से नहीं, बल्कि कर्मों से अर्जित होता है।
शिक्षा में भ्रष्टाचार पर भी हमला
अपने भाषण में गडकरी ने शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर भी तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “मैं जानता हूं कि शिक्षक नियुक्तियों में भी रिश्वत ली जाती है। यह बेहद शर्मनाक है। उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “इतनी भ्रष्ट व्यवस्था में सड़कें कैसे बन जाती हैं?” उन्होंने सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही पर सवाल उठाते हुए पूछा, “क्या आप गधे को घोड़ा बना सकते हैं?”
“आज जो सिखाया जाएगा, वही भविष्य गढ़ेगा”
गडकरी ने शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए प्रधानाचार्यों और शिक्षकों से टीमवर्क के जरिए छात्रों के समग्र विकास का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “आज जो आप सिखाएंगे, वही कल भारत का भविष्य बनाएगा।
विपक्ष ने साधा निशाना
गडकरी के इस बयान को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गईं। कांग्रेस नेता नितिन राऊत ने कहा, “यह बयान भाजपा के शीर्ष नेतृत्व में व्याप्त अहंकार और आत्मकेंद्रित मानसिकता पर सीधा हमला है।”