केंद्र सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए अंडे देने वाले पक्षियों, डेयरी जानवरों, गाय, भेड़, बकरी, सुअर और मधुमक्खियों में इस्तेमाल होने वाली 34 दवाओं के निर्माण, आयात और बिक्री पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया है।
इस वजह से बैन
यह बैन उन दवाईयों पर लगाया गया है जिनके अवशेष मनुष्यों तक पहुंच सकते हैं और उनमें एंटीबायोटिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं, जिससे मानव स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा होता है। बैन की दवाओं में 15 एंटीबायोटिक्स, 18 एंटीवायरल और 1 एंटीप्रोटोजोल्स (Antiprotozoals) शामिल है।
निर्देश जारी करें
सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन दवाओं का इस्तेमाल करने वाले पशुपालक या निर्माता को 3 साल तक की जेल और भारी जुर्माना हो सकता है। केंद्र सरकार ने सभी राज्य अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत दवा दुकानों और निर्माताओं को इस संबंध में निर्देश जारी करें।
सरकार ने बताया है कि पशुपालकों के लिए इन बैन की गई दवाओं के सुरक्षित विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं। यह कदम जानवरों के स्वास्थ्य की देखभाल और साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।