
Georgia Meloni: इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा का भारतीय संस्करण जल्द ही आने वाला है। इसे रूपा पब्लिकेशंस प्रकाशित करने वाली है। पीएम मोदी ने मेलोनी की आत्मकथा आई एम जॉर्जिया – माई रूट्स, माई प्रिंसिपल्स की प्रस्तावना लिखी है।
उन्होंने लिखा है कि ये आत्मकथा उनके मासिक रेडियो शो मन की बात से प्रेरित है। पीएम मोदी ने यह भी लिखा है कि प्रस्तावना लिखना उनके लिए बहुत बड़ा सम्मान है और वह मेलोनी के प्रति सम्मान, प्रशंसा और मित्रता के साथ ऐसा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इस पुस्तक की प्रस्तावना में अपने सकक्ष को एक देशभक्त और उत्कृष्ट समकालीन नेता बताया है।
राजनीतिक नेता और देशभक्त की ताज़ा कहानी
प्रस्तावना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा है, प्रधानमंत्री मेलोनी का जीवन और नेतृत्व हमें इन शाश्वत सत्यों की याद दिलाता है… भारत में उन्हें एक उत्कृष्ट समकालीन राजनीतिक नेता और देशभक्त की ताज़ा कहानी के रूप में सराहा जाएगा… दुनिया के साथ समान स्तर पर जुड़ते हुए अपनी सांस्कृतिक विरासत की रक्षा करने में उनका विश्वास हमारे अपने मूल्यों को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने इस बात का उल्लेख करते हुए याद दिलाया है कि कैसे पिछले 11 वर्षों में उन्होंने विश्व के कई नेताओं से बातचीत की है, जिनमें से हरेक की जीवन यात्रा अलग-अलग रही है और कैसे उनकी यात्राएँ व्यक्तिगत कहानियों से आगे बढ़कर किसी बड़ी बात को व्यक्त करती हैं।
आत्मकथा का मूल संस्करण
पीएम मोदी ने प्रस्तावना में कई बार मेलोनी की प्रशंसा की है और बताया है कि कैसे उनकी प्रेरणादायक और ऐतिहासिक यात्रा भारतीयों के दिलों में गहराई से उतरी है। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह पुस्तक निश्चित रूप से भारतीय पाठकों को प्रभावित करेगी। बता दें कि इस आत्मकथा का मूल संस्करण 2021 में लिखा गया था, जब मेलोनी इटली में विपक्ष की नेता थीं। एक साल बाद ही वह देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं।
पहले ट्रंप ने लिखी थी प्रस्तावना
इससे पहले जून 2025 में, इस पुस्तक का अमेरिकी संस्करण लॉन्च हो चुका है, जिसकी प्रस्तावना अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सबसे बड़े बेटे डोनाल्ड ट्रम्प जूनियर ने लिखी है। उन्होंने उस प्रस्तावना में जॉर्जिया मेलोनी की मजदूर वर्ग की पृष्ठभूमि का दो बार जिक्र किया था और उनकी आत्मकथा को देशभक्ति की उस लहर की अनछुई कहानी बताई, जिस पर मेलोनी सवार थीं।
केवल महिलाओं का नेतृत्व महिला के लिए नहीं
मेलोनी ने पु्स्तक में लिखा है, मैंने कभी नहीं माना कि एक महिला को सिर्फ़ महिलाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए राजनीति में आना चाहिए। राजनीति सबके लिए है – सबके भले के लिए… अगर मेरे जैसे, मेरे विशेषाधिकारों के बावजूद, किसी गर्भवती महिला को गर्भवती होने के कारण नौकरी छोड़ने के लिए कहा जा रहा है, तो एक गर्भवती युवती के लिए कॉल सेंटर में अस्थायी नौकरी करने का क्या मौका होगा? मैं यह साबित करना चाहती थी कि बच्चे कोई सीमा नहीं हैं – दरअसल, वे हमें सीमाओं से पार पाने में मदद करते हैं।