Kalmaegi Storm: फिलिपींस में कलमेगी तूफान ने भारी तबाही मचाई है। इसके प्रभाव को देखते हुए फिलिपींस के राष्ट्रपति बोंगबोंग मार्कोस ने नेशनल इमरजेंसी घोषित कर दी है। वहीं दूसरी ओर अगले तूफान उवान को लेकर यहां की सरकार अलर्ट पर है। आइए जानते हैं कि फिलिपींस में आखिर इतने तूफान आते क्यों हैं।
एक तिहाई उष्णकटिबंधीय चक्रवात
फिलिपींस प्रशांत टाइफून बेल्ट के केंद्र में स्थित है। प्रशांत महासागर के इस क्षेत्र पर दुनिया के एक तिहाई उष्णकटिबंधीय चक्रवात बनते हैं। उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में गर्म समुद्री जल तूफान बनने में मदद करता है। इसके साथ ही फिलिपींस के आसपास के समुद्री इलाकों की धारा भी तूफान को प्रभावित करती है।
गर्म और आर्द्र जलवायु में स्थित
मानसून का मौसम भी फिलीपींस में आने वाले तूफान को प्रभावित करता है। वहीं, यह भूमध्य रेखा के पास स्थित गर्म और आर्द्र जलवायु में स्थित है, जिसे तूफान के बनने के लिए अनुकूल माना जाता है। पश्चिमी प्रशांत महासागर में हवाएं पश्चिम की ओर बहती हैं और प्रशांत महासागर में बनने वाले तूफान अक्सर फिलिपींस की तरफ बढ़ते हैं।
स्टडी के हवाले से दावा
फिलिपींस में अक्सर निम्न दबाव क्षेत्र बनते हैं। एक वजह ये भी है कि यहां पर तूफान अक्सर आते रहते हैं। निम्न दबाव क्षेत्र में ही तूफान विकसित होते हैं। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में स्टडी के हवाले से दावा किया गया है कि वर्तमान में लगभग 15 करोड़ लोग ऐसे क्षेत्रों में रहते हैं, जिनके 2050 तक जलमग्न होने की संभावना है।
प्राकृतिक आपदाओं का खतरा
इनमें से लगभग 70 प्रतिशत जोखिमग्रस्त लोग दक्षिण पूर्व एशिया में रहते हैं। इसमें फिलिपींस भी शामिल है। प्राकृतिक आपदाओं का खतरा बहुत अधिक है, जैसे तूफान, भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोट। ऐसे में कहा जा सकता है कि फिलीपींस बेहद संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है।
नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन
न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने नेशनल डिजास्टर रिस्क रिडक्शन और मैनेजमेंट काउंसिल (एनडीआरआरएमसी) के हवाले से बताया है कि इस तूफान में अब तक 140 लोगों की जान जा चुकी है, वहीं 127 लोग अब भी लापता हैं।
फिलिपींस पर एक दूसरे तूफान फंग-वोंग
एनडीआरआरएमसी के अनुसार इस तूफान ने 500,000 परिवारों और 1.9 करोड़ नागरिकों को प्रभावित किया है। इस हफ्ते फिलिपींस पर एक दूसरे तूफान फंग-वोंग (जिसका स्थानीय नाम उवान है) का खतरा भी मंडरा रहा है।