फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में ED की तीसरी गिरफ्तारी, 768 करोड़ रुपए का नुकसान

फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में ED की तीसरी गिरफ्तारी, 768 करोड़ रुपए का नुकसान

Fake Bank Guarantee Scam: ईडी की जांच के अनुसार, यह धोखाधड़ी टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित करने और जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से की गई। मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एसईसीआई द्वारा दर्ज शिकायत प्रमुख है।

Fake Bank Guarantee Scam: धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को फर्जी बैंक गारंटी मामले में तीसरी गिरफ्तारी की। अमर नाथ दत्ता नामक आरोपी को गिरफ्तार कर नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश-04 ने उन्हें 10 नवंबर तक चार दिनों की ईडी हिरासत में भेज दिया।

रिलायंस पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी

पूरा मामला रिलायंस पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू बीईएसएस लिमिटेड से जुड़ा है। इसने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) को 768 करोड़ रुपए से अधिक की जाली बैंक गारंटी (बीजी), फर्जी समर्थन और स्ट्रक्चर फाइनेंस मेसेजिंग सिस्टम (एसएफएमएस) पुष्टिकरण जमा कराए थे। इससे सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एसईसीआई को 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ।

सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए टेंडर

ईडी की जांच के अनुसार, यह धोखाधड़ी टेंडर प्रक्रिया को प्रभावित करने और जनता को गुमराह करने के उद्देश्य से की गई। मामले में कुल तीन एफआईआर दर्ज हैं, जिनमें दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एसईसीआई द्वारा दर्ज शिकायत प्रमुख है। एसईसीआई नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक उपक्रम है, जो सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए टेंडर जारी करता है। रिलायंस की सहायक कंपनी ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) टेंडर में फर्जी दस्तावेज जमा कर बोली जीतने की कोशिश की।

जांच में और भी नकली डोमेन

जांच एजेंसी ने खुलासा किया कि अपराधियों ने फर्जी ईमेल डोमेन का इस्तेमाल कर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की आड़ में जाली समर्थन पत्र भेजे। एसईसीआई को ऐसा लगाया गया कि बीजी वैध है। जांच में और भी नकली डोमेन सामने आए, जिनमें मूल बैंक डोमेन में मामूली बदलाव (जैसे अक्षर स्वैप) कर धोखा दिया गया। ये सभी डोमेन एक ही गिरोह द्वारा संचालित थे, जो कमीशन के बदले फर्जी गारंटी जारी करता था।

निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल गिरफ्तार

इससे पहले अगस्त 2025 में ईडी ने ओडिशा-आधारित मेसर्स बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक पार्थ सारथी बिस्वाल को गिरफ्तार किया था। उनकी कंपनी पर 8 प्रतिशत कमीशन लेकर फर्जी बीजी जारी करने का आरोप है। फिर 11 अक्टूबर को रिलायंस पावर के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) अशोक कुमार पाल को पकड़ा गया, जिन्हें ईडी ने ‘मुख्य साजिशकर्ता’ बताया।

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