जयपुर के अस्पताल में लगी भीषण आग, 8 मरीजों की मौत

जयपुर के अस्पताल में लगी भीषण आग, 8 मरीजों की मौत

Jaipur Hospital Fire: जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भीषण आग लगी है। जिसमें 8 मरीजों की मौत हो गई है। ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू (ICU) में रविवार देर रात यह अग्निकांड हुआ। मामले में गंभीरता को देखते हुए 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। वहीं कई परिवारों ने अस्पताल कर्मचारियों पर आरोप लगाएं है कि आग लगने से पहले धुआं उठने की सूचना स्टाफ को दी गई थी, मगर कोई सख्त एक्शन नहीं लिया गया।

Jaipur Hospital Fire: जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल में भीषण आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई है। ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू (ICU) में रविवार देर रात भीषण आग लगी। जिनमें 3 महिलाएं शामिल हैं। 

यह घटना रात करीब 11:20 पर होने की सूचना है, जब आग ट्रॉमा सेंटर के न्यूरो आईसीयू वार्ड (Neuro ICU Ward) के स्टोर में लगी। स्टोर में पेपर आईसीयू का सामान और ब्लड सैंपलर ट्यूब रखी हुई थीं।

Tragic fire at Jaipur’s SMS Hospital ICU leaves 8 dead and several injured. Rescue operations ongoing as authorities probe cause. @santwana99@jayanthjacob@NewIndianXpress@TheMornStandard#SMSHospitalFire #Jaipur #BreakingNews pic.twitter.com/wF7NSDR3gZ

— Rajesh Asnani (@asnaniraajesh) October 6, 2025

फायर विभाग की टीम मौके पर पहुंची

फायर विभाग के कर्मचारी ने बताया कि अलार्म बजने पर टीम मौके पर पहुंची। पूरा वार्ड घने धुएं से भरा हुआ था और अंदर जाने का रास्ता नहीं था। टीम ने बिल्डिंग की दूसरी ओर से खिड़की के कांच हटाकर पानी की बौछार मारी। आग पर काबू पाने में डेढ़ घंटे का समय लगा। इस दौरान सभी मरीजों को बेड समेत बाहर सड़क पर शिफ्ट किया गया।

शॉर्ट सर्किट हो सकता है कारण

ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर और सीनियर डॉक्टर के मुताबिक, आग लगने की प्राथमिक आशंका शॉर्ट सर्किट है। हादसे के वक्त न्यूरो आईसीयू में 11 मरीज और उसके बगल वाले आईसीयू में 13 मरीज एडमिट थे।

परिजनों के आरोप नहीं दिया गया ध्यान

मृतकों के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है। भरतपुर के शेरू नामक एक परिजन ने बताया कि आग भड़कने से 20 मिनट पहले ही धुआं निकलना शुरू हो गया था और उन्होंने स्टाफ को बताया भी था, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। 

जांच के लिए 6 सदस्यीय कमेटी का गठन

उन्होंने आरोप लगाया कि रात 11:20 बजे तक धुआं बढ़ने और प्लास्टिक की ट्यूब पिघलने पर वार्ड बॉय मौके से भाग निकले। शेरू ने बताया कि उन्होंने खुद ही मुश्किल से अपने मरीज को बाहर निकाला, जिन्हें हादसे के दो घंटे बाद ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया गया। इस अग्निकांड की जांच के लिए शासन स्तर पर 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है।

Shailendra

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