New Delhi: देश में चल रहे नफरत और बुलडोजर की सियासत पर आरोप-प्रत्यारोपों के बीच, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस नफरत का मुकाबला किसी हथियार या गुस्से से नहीं किया जा सकता, बल्कि इसका जवाब सिर्फ और सिर्फ मोहब्बत से दिया जाना चाहिए। मौलाना मदनी ने कहा कि देश में अमन और एकता बनाए रखना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
पैगंबर की शिक्षाओं को अपनाने की अपील
मौलाना मदनी ने मोहब्बत के असली मतलब पर रोशनी डालते हुए कहा कि केवल ‘आई लव मोहम्मद’ कहना ही पैगंबर-ए-इस्लाम से मोहब्बत का सबूत नहीं है। उनके अनुसार, पैगंबर से सच्ची मोहब्बत तब है जब कोई व्यक्ति उनकी शिक्षाओं, उनके चरित्र और उनके दिखाए रास्ते को अपनी जिंदगी में उतारे। उन्होंने कहा कि पैगंबर की सीरत और सूरत को अपनाना ही समाज में फैली कड़वाहट को दूर कर सकता है।
सब्र और इंसानियत का पैगाम
देवबंद के प्रमुख आलिम मौलाना मदनी ने एक जलसे को संबोधित करते हुए कहा कि नफरत के बीज अब एक बड़े पेड़ का रूप ले चुके हैं, क्योंकि इसे फैलाने वालों के हाथ में आज ताकत है। उन्होंने मुसलमानों से सब्र से काम लेने और बिना किसी मजहबी भेदभाव के केवल इंसानियत, मोहब्बत और एक-दूसरे की मदद का पैगाम आम करने की अपील की। उन्होंने उम्मीद जताई कि आपसी भाईचारे से यह मुल्क अपनी पुरानी गौरवशाली तारीख को फिर से दोहराएगा।