Russia Ukraine War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर रूस जंग खत्म नहीं करता है तो अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक मिसाइलें दे सकता है। इस बयान पर रूस की प्रतिक्रिया सामने आई है। रूस के पूर्व राष्ट्रपति और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के वर्तमान उपाध्यक्ष दमित्री मेदवेदेव ने चेतावनी देते हुए बड़ा बयान दिया है।
क्या है टॉमहॉक क्रूज मिसाइल
टॉमहॉक अमेरिका की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक मानी जाती है। यह क्रूज मिसाइल है, जिसे अमेरिका के सभी युद्धपोतों पर तैनात किया गया है। टॉमहॉक मिसाइल की सबसे खास बात यह है कि ये रडार और एयर डिफेस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम है।
यह मिसाइल अपने टारगेट पर सटीक हमला कर सकती है और इसे 2000 किलोमीटर दूर से भी छोड़ा जा सकता है। इस मिसाइल को हवा में भी गाइड किया जा सकता है यानी अगर टारगेट अपना स्थान बदलता है तो यह पीछा करके उसे बर्बाद कर सकती है। इसके परमाणु संस्करण और पारंपरिक संस्करण की पहचान बेहद मुश्किल है।
पुतिन ने क्या कहा
बता दें कि, हाल ही में ताजिकिस्तान की राजधानी दुशांबे में मीडिया से बात करते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को अमेरिकियों द्वारा प्रक्षेपित किया जाएगा और उन्हें रूस के अंदर लक्षित निशानों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा था, हमें संभावित नुकसान को कम करने के लिए अपनी हवाई सुरक्षा को मजबूत करना होगा, लेकिन इससे हमारे संबंधों को भी नुकसान पहुंचेगा, जो पहले से ही अच्छी स्थिति में नहीं हैं।
रूसी सैन्य विशेषज्ञ का बयान
रूसी सैन्य विशेषज्ञ मिखाइल खोदारियोनोक ने सरकार-नियंत्रित वेस्टीएफएम रेडियो से बातचीत में कहा कि सोवियत काल से ही अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को अमेरिकी परमाणु हथियार के रूप में नामित किया गया है और उनके प्रक्षेपण से रूस की मिसाइल-रोधी रक्षा प्रणाली से स्वचालित प्रतिक्रिया शुरू हो जाती है।
टॉमहॉक मिसाइलों से हालात बिगड़ेंगे
दमित्री मेदवेदेव ने कहा है कि रूस के भीतरी इलाकों में हमले के लिए यूक्रेन को टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों की आपूर्ति सभी पक्षों के लिए विनाशकारी हो सकती है। रूस के मेसेंजर ऐप ‘मैक्स’ पर एक पोस्ट में मेदवेदेव ने कहा, “टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों की आपूर्ति किसी के लिए भी अच्छी नहीं होगी।” उन्होंने कहा, “टॉमहॉक के परमाणु संस्करण और पारंपरिक संस्करण के बीच अंतर करना असंभव है और उनका प्रक्षेपण अमेरिका की ओर से नियंत्रित किया जाएगा।