ठाणे MACT ने बस दुर्घटना में घायल महिला को 55 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया

ठाणे MACT ने बस दुर्घटना में घायल महिला को 55 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया

Bus Accident: एमएसीटी सदस्य आर.वी. मोहिते ने शुक्रवार को पारित आदेश में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को उस दुर्घटना के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया।

Bus Accident: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (MACT) ने 2021 में राज्य परिवहन बस से हुई दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुई एक महिला को 55 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।

दावेदार को चोटें आईं

एमएसीटी सदस्य आर.वी. मोहिते ने शुक्रवार को पारित आदेश में महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) को उस दुर्घटना के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया, जिसमें दावेदार को चोटें आईं और उसका दाहिना हाथ काटना पड़ा एवं उसकी नौकरी चली गई।

राज्य परिवहन की बस में यात्रा

यह दुर्घटना 24 अगस्त, 2021 की दोपहर को हुई, जब दावेदार कंचन शाम कुटे (तब 36 वर्ष) नासिक-पुणे राजमार्ग पर खेड़ से शिवाजीनगर तक राज्य परिवहन की बस में यात्रा कर रही थीं, तभी चालक ने वाहन पर से नियंत्रण खो दिया जिससे वह बिजली के एक खंभे से टकरा गया और बस पलट गई।

नियंत्रित नहीं कर सका चालक
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एमएसआरटीसी ने तर्क दिया कि दुर्घटना ब्रेक फेल होने के कारण हुई, लेकिन न्यायाधिकरण ने चालक की लापरवाही का हवाला देते हुए इस तर्क को खारिज कर दिया। उसने कहा, बस की गति इतनी तेज थी कि ब्रेक फेल होने पर चालक उसे नियंत्रित नहीं कर सका।

ब्रेक फेल होने का दिया था संकेत

न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि हालांकि चालक ने परिचालक को ब्रेक फेल होने के बारे में संकेत दिया था लेकिन ‘‘इस बात का कोई सबूत नहीं है कि उसने (परिचालक ने) बस में यात्रियों को सुरक्षा के लिए निर्देश दिए थे।

कोहनी के नीचे आई चोट

दावेदार को कई चोटें आईं, जिनमें उसके दाहिने हाथ की कोहनी के नीचे आई चोट भी शामिल थी। उसके हाथ को बाद में काटना पड़ा।

70 प्रतिशत स्थायी दिव्यांगता

उसने दिव्यांगता प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया जिसमें उसके दाहिने हाथ में 70 प्रतिशत स्थायी दिव्यांगता दर्शाई गई थी तथा उसके नियोक्ता द्वारा जारी किया गया पत्र भी प्रस्तुत किया जिसमें उसकी नौकरी छूटने की पुष्टि की गई थी।

मुआवजा देने का दिया निर्देश 

न्यायाधिकरण ने एमएसआरटीसी को याचिका दायर होने की तारीख से नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ 55 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया।

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