Bihar Education: बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में गुरुवार को राज्यभर में मतदाताओं ने लोकतंत्र के इस पर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। विशेष रूप से युवाओं में मतदान को लेकर उत्साह देखने को मिला। पहली बार वोट डालने पहुंचे युवा मतदाता जहां गर्व और जिम्मेदारी की भावना से ओतप्रोत दिखाई दिए, वहीं उन्होंने राज्य में बदलाव, विकास और रोजगार की दिशा में नई उम्मीदें भी जताईं।
यह मेरे जीवन का बेहद खास पल
राजधानी पटना के मतदान केंद्रों पर सुबह से ही युवाओं की लंबी कतारें देखी गईं। पहली बार मतदान करने वाली पटना की शीतल ने कहा, “यह मेरे जीवन का बेहद खास पल है। पहली बार वोट डालकर गर्व महसूस हो रहा है। मैं चाहती हूं कि बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार हो ताकि राज्य की छवि बदले।
घबराहट थी, मतदान की प्रक्रिया कैसी होगी
सारण जिले में मतदान करने पहुंचे एक युवा मतदाता ने कहा कि उन्होंने इस दिन का लंबे समय से इंतजार किया था। उन्होंने कहा, “पहले थोड़ा घबराहट थी कि मतदान की प्रक्रिया कैसी होगी, लेकिन वोट डालने के बाद बहुत गर्व महसूस हुआ। मैं चाहता हूं कि हमारे नेता विकास और शिक्षा पर गंभीरता से काम करें। बिहार को अब अपनी पुरानी छवि से बाहर निकलना चाहिए।
बिहार का विकास संभव नहीं
शेखपुरा जिले के एक मतदाता ने भी इसी भाव को दोहराते हुए कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत किए बिना बिहार का विकास संभव नहीं। उन्होंने कहा, “सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और अस्पतालों की बेहतर व्यवस्था सबसे बड़ी आवश्यकता है।
नियमित कक्षाओं की कमी
सीतामढ़ी की मतदाता इश्रत ने शिक्षा व्यवस्था की कमियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहद कमजोर है। शिक्षकों की अनुपस्थिति और नियमित कक्षाओं की कमी बच्चों के भविष्य पर प्रभाव डाल रही है।
नई सरकार में रोजगार के अवसर
मुजफ्फरपुर की पहली बार मतदान करने वाली अमीदा ने कहा कि उन्होंने बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए वोट दिया है। उनका कहना था कि नई सरकार को रोजगार के अवसर बढ़ाने पर प्राथमिकता देनी चाहिए, ताकि युवाओं को पलायन न करना पड़े।
युवाओं के पास काम नहीं
सीवान जिले में भी शांतिपूर्ण मतदान के बीच मतदाताओं ने रोजगार और स्वास्थ्य को सबसे अहम मुद्दा बताया। एक मतदाता ने कहा, “युवाओं के पास काम नहीं है। नौकरी और शिक्षा सबसे बड़ी चुनौतियाँ हैं। हमने इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए अपना मत दिया है।
मतदान की सभी तैयारियां पूरी
दूसरी ओर, मतदान केंद्रों पर महिलाओं की भागीदारी भी उल्लेखनीय रही। पटना के दिग्गा विधानसभा क्षेत्र में एक “पिंक बूथ” पर तैनात महिला पीठासीन अधिकारी ने बताया कि मतदान की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई थीं और सुबह सात बजे से शांतिपूर्ण ढंग से मतदान प्रक्रिया शुरू हुई।
उन्होंने कहा, “मतदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सभी कर्मियों ने पूरी तत्परता से कार्य किया। महिलाओं में मतदान को लेकर विशेष उत्साह देखा जा रहा है।
मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र
चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। कुल 3 करोड़ 75 लाख से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे, जिनमें लगभग 1.98 करोड़ पुरुष, 1.76 करोड़ महिलाएं और 758 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल थे।
केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध
राज्यभर में 45,341 मतदान केंद्र बनाए गए, जिनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 36,733 और शहरी क्षेत्रों में 8,608 केंद्र स्थापित किए गए। इनमें से 926 महिला-प्रबंधित और 107 दिव्यांग-प्रबंधित केंद्र रहे, जबकि 320 केंद्रों को आदर्श मतदान केंद्र घोषित किया गया। सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की सुविधा उपलब्ध रही ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
मतदान केवल अधिकार नहीं
कुल मिलाकर, बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण ने यह स्पष्ट कर दिया कि राज्य के युवा अब विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को लेकर सजग हैं। उनका मतदान केवल अधिकार नहीं, बल्कि बदलाव की दिशा में एक मजबूत संदेश भी है- एक ऐसे बिहार के लिए, जो अवसरों और प्रगति की नई कहानी लिखे।