Nimisha Priya: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को यमन की राजधानी सना की जेल में फांसी दी जानी थी। लेकिन ठीक एक दिन पहले, 15 जुलाई को यमन की अदालत ने अचानक फांसी पर ब्रेक लगा दिया। ये वही इलाका है, जो हूती विद्रोहियों के कब्जे में है। वो हूती जिनसे बातचीत करना अमेरिका तक के लिए टेढ़ी खीर बन चुका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत सरकार ने हाल के दिनों में कोशिशें तेज की थीं कि पीड़ित परिवार से म्यूचुअल एग्रीमेंट यानी समझौता हो सके। यमन के कानून के मुताबिक, हत्या के मामलों में ‘ब्लड मनी’ देने पर मृत्युदंड टल सकता है। इस मोड़ पर सामने आते हैं 94 वर्षीय कंथापुरम एपी अबूबक्कर मुसलियार, जिन्हें भारत में ‘ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया’ कहा जाता है।
धार्मिक कूटनीति बड़ा हथियार
भारत सरकार की आधिकारिक कोशिशों के साथ-साथ मुसलियार ने वो किया जो शायद किसी सरकारी तंत्र के लिए भी नामुमकिन था- यमन के धार्मिक ताकतवरों से सीधा संवाद। उन्होंने यमन के सूफी इस्लामिक विद्वान शेख हबीब उमर बिन हाफिज से संपर्क साधा। शेख उमर ने तुरंत अपने धार्मिक और सामाजिक नेटवर्क को सक्रिय किया और तालाल अब्दो महदी (जिसकी हत्या के आरोप में निमिषा दोषी पाई गई थीं) के परिवार, जजों, और कबायली नेताओं से बातचीत शुरू कर दी।
यमन में हुई बातचीत वाली बैठक
हबीब उमर की अगुवाई में उत्तर यमन में एक आपात बैठक हुई जिसमें सना की क्रिमिनल कोर्ट के चीफ जज, पीड़ित परिवार, सरकारी अफसर और कबीलों के प्रमुख शामिल हुए। यह वही यमन है जहां हूती विद्रोही रोज़ रेड सी में व्यापारिक जहाज़ों पर ड्रोन और मिसाइलें दागते हैं। वहां पर इस तरह की बातचीत हो पाना, वो भी भारत के कहने पर, अपने आप में एक बड़ी बात है। बैठक के बाद महदी के परिवार ने संकेत दिए कि वे ब्लड मनी की पर बात करने को तैयार हैं, और उन्हें थोड़ा और वक्त चाहिए। यानी फांसी की उलटी गिनती पर फिलहाल पॉज लग गया।
निमिषा को क्यों सुनाई गई मौत की सजा
निमिषा प्रिया 2008 में बेहतर कमाई के लिए यमन गई थीं। पहले वह अस्पतालों में काम करती थीं, फिर उन्होंने अपना क्लिनिक खोला। यमनी कानून के मुताबिक, उन्हें एक स्थानीय पार्टनर तलाल अब्दोल मेहदी लेना पड़ा। लेकिन तलाल ने उनका पैसा और पासपोर्ट चुरा लिया और उन्हें परेशान करने लगा।
2017 में निमिषा ने तलाल को बेहोश करने के लिए सेडेटिव दिया ताकि अपना पासपोर्ट वापस ले सके, लेकिन तलाल की मौत हो गई। निमिषा को यमन से भागने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया गया।