Bihar Vidhan Sabha Election: बिहार में इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को लेकर सियासी हलचल तेज़ हो गई है। इसी बीच राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बेहद साहसिक और विवादित बयान देकर राज्य की राजनीति में गर्माहट ला दी है। किशोर ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) को आगामी चुनाव में 25 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी। साथ ही उन्होंने कहा कि नवंबर के बाद बिहार को नया मुख्यमंत्री मिलेगा।
प्रशांत किशोर ने साफ शब्दों में कहा, “अगर JDU को 25 से ज़्यादा सीटें मिल जाएं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।” उन्होंने यह बयान एक प्रमुख न्यूज़ चैनल को दिए साक्षात्कार में दिया। किशोर ने आगे कहा कि बिहार की 60% से अधिक जनता अब बदलाव चाहती है और इस बार राज्य में एनडीए की सरकार नहीं बनेगी।
बिहार को मिलेगा नया मुख्यमंत्री- PK
पीके ने आत्मविश्वास के साथ कहा, “बिहार को नवंबर के बाद एक नया मुख्यमंत्री मिलेगा, इसे आप लिखकर रख लीजिए।” उन्होंने अपने विश्लेषण में दावा किया कि बिहार की जनता बीते तीन दशकों से एक जैसे नेतृत्व और नीतियों से ऊब चुकी है। इसलिए अब जनता बदलाव के मूड में है।
एनडीए को लोकसभा में क्यों मिली बढ़त?
किशोर ने लोकसभा चुनाव में एनडीए की मजबूती का विश्लेषण करते हुए कहा कि उस चुनाव में लोगों ने बीजेपी-जेडीयू को वोट केवल इसलिए दिया ताकि लालू यादव की आरजेडी सत्ता में न लौटे। उन्होंने कहा कि, “लालू यादव बिहार की राजनीति में अब भी एक बड़ा फैक्टर हैं, और यही वजह रही कि लोगों ने ‘वोट कटने’ के डर से एनडीए को चुना।”
बीजेपी को बहुमत में आने की चुनौती
प्रशांत किशोर का कहना है कि बीजेपी राज्य में 100 सीटों के लक्ष्य* के साथ चुनाव लड़ रही है, जबकि बहुमत के लिए 120 सीटें चाहिए। ऐसे में वह अकेले सरकार नहीं बना सकती। उन्होंने भविष्यवाणी की कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता स्पष्ट रूप से बदलाव को वोट देगी और एनडीए को सरकार बनाने का मौका नहीं मिलेगा।
राजनीति छोड़ने की शर्त से बढ़ी हलचल
PK का यह बयान कि अगर JDU को 25 से ज़्यादा सीटें मिलती हैं तो वे राजनीति छोड़ देंगे, राज्य की राजनीति में चर्चा का विषय बन गया है। उनके इस दावे ने न सिर्फ राजनीतिक दलों बल्कि आम जनता और विश्लेषकों का ध्यान भी खींचा है।
राजनीति में नई लहर या आत्मघाती दावा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या किशोर की यह भविष्यवाणी ज़मीनी हकीकत बनती है या फिर यह बयान सिर्फ एक चुनावी रणनीति का हिस्सा है। इतना ज़रूर है कि PK के इस बयान ने बिहार चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।