नूंह: राजस्थान के सरकारी स्कूल में हुए हादसे के बाद नूंह जिला शिक्षा विभाग पहले ही सबक लेते हुए सक्रिय सा दिखाई दे रहा है। नूंह जिले के उपमंडल के स्कूलों की बदहाल स्थिति को भी उजागर कर दिया है। यहां के कई स्कूलों की इमारतें इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि किसी भी समय हादसा हो सकता है। बरसात के दिनों में इन भवनों की हालत और खराब हो जाती है।
ग्रामीण इलाकों में कई स्कूल पुराने
उपमंडल में 210 सरकारी स्कूल हैं। इनमें 68 मिडिल, 102 प्राइमरी और 40 हाई व सीनियर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं। ग्रामीण इलाकों में बने कई स्कूल सालों पुराने हैं और उनमें अब तक कोई बड़ी मरम्मत नहीं हुई। बरसात के दौरान टपकती छतें और दरारों वाली दीवारें बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है।
सभी स्कूलों को जारी किया गया नोटिस
राजस्थान के हादसे के बाद पुन्हाना ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर भवनों की स्थिति की रिपोर्ट भेजने को कहा है। इसमें दरारें, छतों की हालत, पानी निकासी, शौचालय व सुरक्षा इंतजामों की पूरी जानकारी मांगी है।
बरसात में बच्चे नहीं बैठ पाते क्लास में
अभिभावको ने बताया कि हमारे गांव के प्राइमरी स्कूल की छत टूटी हुई है। बरसात में बच्चे क्लास में नहीं बैठ पाते और खुले मैदान में पढ़ाई करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कई बार विभाग को लिखित शिकायतें दी गईं, लेकिन मरम्मत की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया।
48 घंटे के भीतर रिपोर्ट भेजने के ऑर्डर
ब्लॉक शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि जिन स्कूलों की इमारतें खतरे की स्थिति में हैं, वहां बच्चों को सुरक्षित भवनों में शिफ्ट करने की व्यवस्था की जाएगी।सभी स्कूलों को नोटिस जारी कर 48 घंटे के भीतर भवनों की स्थिति की रिपोर्ट भेजने को कहा है। इसमें दरारें, छतों की हालत, पानी निकासी, शौचालय व सुरक्षा इंतजामों की पूरी जानकारी मांगी है। मरम्मत के प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेजे जाएंगे और उन पर जल्द काम शुरू होगा।