Monsoon Session 2025: संसद के मानसून सत्र के आखिरी दिन लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राजनीतिक दलों से अपने बर्ताव पर नियंत्रण रखने का आह्वान किया। बिरला ने कहा कि संसद के अंदर और बाहर सांसदों की भाषा गरिमामय होनी चाहिए।
संसद की गरिमा के अनुसार नहीं
लोकसभा स्पीकर ने सांसदों को लताड़ लगाते हुए कहा कि सदन में विपक्ष का आचरण लोकतंत्र के मूल्यों के अनुरूप नहीं रहा। ये संसद की गरिमा के अनुसार नहीं है। देश की जनता देख रही है कि किस तरह से अहम मुद्दों पर चर्चा को बाधित किया जा रहा है।
37 घंटे ही चर्चा हो सकी
उन्होंने बताया कि इस सत्र में 419 सवाल किए गए, जिसमें से सिर्फ 55 के मौखिक उत्तर दिए जा सके। पूरे सत्र के दौरान चर्चा का समय 120 घंटे निर्धारित किया गया था, लेकिन 37 घंटे ही चर्चा हो सकी। लोकसभा में 12 विधेयक पारित हुए।
‘यह सभी के लिए आत्मचिंतन का समय’
इससे पहले गुरुवार को सुबह 11 बजे शुरू हुई लोकसभा की कार्यवाही तुरंत ही स्थगित कर दी गई। इसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे फिर शुरू हुई, जिसमें ओम बिरला ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि पूरे सत्र के दौरान बार-बार कार्यवाही बाधित करने के प्रयास किए गए। उन्होंने कहा कि यह सभी के लिए आत्मचिंतन का समय है, क्योंकि महीने भर चले सत्र के दौरान ज्यादा चर्चा नहीं हो सकी।
रोज कार्यवाही बाधित करता रहा विपक्ष
यह सत्र 21 जुलाई को शुरू हुआ था, जिसमें पूरा विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग को लेकर रोज कार्यवाही बाधित करता रहा। अपने समापन भाषण के बाद बिरला ने सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी।