Operation Sindoor: लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) पर हुई चर्चा के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर किसी दबाव में नहीं रोका गया, बल्कि सैन्य और राजनीतिक लक्ष्य हासिल करने के बाद इसे विराम दिया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया, “ऑपरेशन सिंदूर रुका है, समाप्त नहीं हुआ।
कांग्रेस का हमला- ‘पीएम पहलगाम क्यों नहीं गए?
चर्चा के दौरान कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि 90 दिन बीत जाने के बाद भी 26 निर्दोष नागरिकों की हत्या करने वाले आतंकी गिरफ्त से बाहर हैं। गोगोई ने पूछा, “पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव में कितने विमान गिरे, यह जानकारी जनता और जवानों के लिए जरूरी है।
गोगोई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जी अरब यात्रा से लौटने के बाद पहलगाम नहीं गए, बल्कि सीधे बिहार में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे।”
स्पीकर ने किया हस्तक्षेप
गोगोई के बयान पर सत्तापक्ष की तरफ से जोरदार विरोध हुआ। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कांग्रेस नेता को टोका और कहा कि सदन में केवल तथ्यात्मक बातें रखें।
‘सच्चाई सामने आनी चाहिए’ – गोगोई
गोगोई ने कहा कि हालिया युद्ध ‘सूचना का युद्ध’ था और सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि “आतंकी पहलगाम तक कैसे पहुंचे? हमले के दौरान घायल लोगों तक एंबुलेंस एक घंटे में क्यों पहुंची?
कांग्रेस नेता ने सीडीएस अनिल चौहान के बयान का हवाला देते हुए कहा, “हमारे पास 35 राफेल विमान हैं, अगर इनमें से कुछ गिरे तो यह बहुत बड़ा नुकसान है।
गोगोई ने गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से भी जिम्मेदारी लेने की मांग की। उन्होंने कहा, “उरी हमले के बाद जो वादे किए गए, वही बातें अब दोहराई जा रही हैं। देश यह जानना चाहता है कि ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोका गया।”
सत्तापक्ष का पलटवार
सत्तापक्ष ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि सरकार आतंकवाद के खिलाफ पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसी भी तरह का राजनीतिक दबाव ऑपरेशन के फैसलों को प्रभावित नहीं करता। सदन में इस मुद्दे पर हंगामे के बीच चर्चा जारी रही।
न्यूज़ एडिटर बी के झा की रिपोर्ट-