Sawan 2025: सावन के पवित्र महीने में बिहार के मुंगेर जिले में आयोजित मटन भोज को लेकर राजनीतिक हलकों में घमासान मच गया है। केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह द्वारा सूर्यगढ़ा में कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित भोज पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने तीखा हमला बोला है।
राजद ने अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा, भगवान भोलेनाथ के पवित्र सावन मास में भी ललन सिंह मटन पार्टी देने से बाज नहीं आए। हिंदू धर्म के ये ठेकेदार दूसरों को तो खूब नसीहत देते हैं, पर जब अपनी बारी आती है तो धर्म, रीत, परंपरा, नैतिकता… सब भूल जाते हैं।
कार्यक्रम बुधवार को सूर्यगढ़ा बाजार स्थित एनएच 80 के किनारे एक पेट्रोल पंप परिसर में जदयू के संवाद कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया था। भोज में मटन-भात के अलावा सादा भोजन भी परोसा गया। मंच से खुद ललन सिंह ने घोषणा करते हुए कहा कि जो लोग मटन खाना चाहते हैं, वे खा सकते हैं। इस दौरान बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी भी मंच पर मौजूद थे।
राजद की नेता और लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने भी X (पूर्व में ट्विटर) पर तंज कसते हुए लिखा, “ढोंग रच-रच ढकोसले फैलाने वाले, दूसरों के खान-पान में खोट निकालने वाले, कथनी-करनी में अंतर वाले लोग हैं ये… असल में ये दोहरे चरित्र वाले हैं।
सांस्कृतिक संदर्भ और सियासी जवाबी हमला
मटन भोज को लेकर उठे सवालों पर जदयू के समर्थकों और स्थानीय नेताओं ने बचाव में कहा कि बिहार खासकर मिथिलांचल में सावन हो या नवरात्र, मांसाहार की परंपरा पहले से रही है। इसे राजनीतिक रंग देना सिर्फ एक प्रोपेगेंडा है।
स्थानीय जानकारों का कहना है कि चुनावी मौसम में ऐसे मुद्दों को उठाकर राजनीतिक दल मीडिया की सुर्खियों में बने रहना चाहते हैं। एक राजनीतिक विश्लेषक के अनुसार, “अगर विपक्ष को सरकार पर निशाना साधना ही है, तो राज्य में बढ़ते अपराध, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे असल मुद्दों पर बात करनी चाहिए। मटन भोज जैसे आयोजनों से मतदाताओं की प्राथमिकताएं नहीं बदलतीं।
एनडीए सहयोगी दल नदारद
कार्यक्रम में एनडीए के अन्य सहयोगी दलों की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आगामी चुनावों से पहले घटती राजनीतिक सामंजस्य की ओर भी संकेत करता है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने मटन भोज का आयोजन किया हो। इससे पहले भी लोकसभा चुनावों से पूर्व मुंगेर के कई इलाकों में उन्होंने इस तरह के आयोजन किए थे, जिनमें आम जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं को भोजन कराया गया था।