Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के चौथे दिन गुरुवार को सदन में उस समय भारी हंगामा हो गया, जब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के संबोधन के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आपस में भिड़ गए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि स्पीकर नंद किशोर यादव को विधानसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
तेजस्वी बनाम सम्राट: बहस से टकराव तक
प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान तेजस्वी यादव ने सरकार को पेपर लीक, भ्रष्टाचार और अपराध के मुद्दों पर घेरा। उन्होंने डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर निशाना साधते हुए सरकार की विफलताओं को उजागर किया। इस पर सम्राट चौधरी ने तेजस्वी से ‘सबूत’ की मांग की और दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई।
विधानसभा में धक्का-मुक्की, सुरक्षाकर्मियों ने किया बीच-बचाव
तेजस्वी के संबोधन के दौरान बीजेपी विधायक जनक सिंह की टिप्पणी ने माहौल और गर्मा दिया। इसके बाद राजद विधायक वेल में आ गए और भाजपा विधायकों की ओर बढ़ने लगे। दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सुरक्षा कर्मियों को हस्तक्षेप करना पड़ा। कुछ देर तक सदन में मारपीट जैसी स्थिति बनी रही।
तेजस्वी ने उठाए अमित शाह के बयान पर सवाल
अपने भाषण में तेजस्वी यादव ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान को भी घेरा जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार केवल चुनाव तक ही मुख्यमंत्री रहेंगे। तेजस्वी ने भाजपा से सीधा सवाल किया- “अगर अमित शाह को नीतीश पर भरोसा है, तो सीतामढ़ी में आकर 2025 से 2030 तक उन्हें मुख्यमंत्री घोषित करें।
तेजस्वी ने नीतीश सरकार को ‘खटारा’ बताते हुए कहा कि जैसे 15 साल पुराने वाहन बेकार हो जाते हैं, वैसे ही यह सरकार भी अपनी उपयोगिता खो चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री को “हाइजैक” बताया और कहा कि जेडीयू अब भाजपा का प्रकोष्ठ बन चुकी है।
स्पीकर ने दी चेतावनी, सदन स्थगित
मारपीट की आशंका और बढ़ते टकराव को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से शाम 4 बजे तक स्थगित कर दिया। उन्होंने दोनों पक्षों को संयम बरतने की चेतावनी भी दी।
निष्कर्ष
बिहार विधानसभा में हुआ यह बवाल इस बात का संकेत है कि जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राजनीतिक दलों के बीच टकराव और अधिक उग्र होता जा रहा है। जनहित के मुद्दों पर बहस और चर्चा की जगह अब व्यक्तिगत कटाक्ष और टकराव ने ले ली है, जो न तो लोकतंत्र के लिए और न ही बिहार जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य के लिए शुभ संकेत है।
न्यूज़ एडिटर बी के झा की रिपोर्ट-