New Delhi: संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 80वें सत्र में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भाषण पर भारत ने जोरदार जवाब दिया है। भारत ने पाकिस्तान को “आतंकवाद का निर्यातक” बताते हुए उनके “जीत” के दावों पर व्यंग्य कसा।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने कहा, अगर बर्बाद रनवे और जले हुए हैंगर जीत जैसे लगते हैं, जैसा कि उनके प्रधानमंत्री ने दावा किया, तो पाकिस्तान इसका आनंद ले सकता है। भारत ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की सेना ने ही संघर्ष रोकने की ‘‘अपील की’’ थी और दिल्ली तथा इस्लामाबाद के बीच किसी भी मसले में किसी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है। इससे पहले शरीफ ने अपने भाषण में भारत के खिलाफ जीत का दावा किया था। इस पर भारत ने करारा जवाब देते हुए पाकिस्तान के खूब मजे लिए।
शहबाज शरीफ का झूठ से भरा भाषण
शुक्रवार को यूएनजीए के सामान्य बहस सत्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत पर “अकारण आक्रमण” का आरोप लगाया। उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए दावा किया कि पाकिस्तानी वायुसेना ने “उड़ान भरी और सात भारतीय जेट विमानों को मलबे में बदल दिया।” शरीफ ने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों के साथ खड़ा है। इस दौरान शरीफ ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भी जिक्र किया और कहा कि ट्रंप ने मई के संघर्ष के बाद युद्धविराम में “सक्रिय भूमिका” निभाई।
भारत का कड़ा जवाब- नाटकीयता और झूठ से तथ्य छिप नहीं सकते
भारत ने शनिवार को “जवाब देने के अधिकार” (राइट टू रिप्लाई) का प्रयोग करते हुए पाकिस्तान के दावों को खारिज कर दिया। भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव पेटल गहलोत ने शरीफ के भाषण को “बेतुकी ड्रामेबाजी” करार दिया। उन्होंने कहा, “यह सभा सुबह पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की बेतुकी नाटकीयता का साक्षी बनी, जिन्होंने एक बार फिर आतंकवाद की महिमा गाई, जो उनकी विदेश नीति का केंद्र बिंदु है। लेकिन कोई भी ड्रामा या झूठ तथ्यों को छिपा नहीं सकता।
पाकिस्तानी वायुसेना अड्डे तबाह
गहलोत ने मई में हुए संघर्ष के बारे में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के दावों का खंडन करते हुए कहा कि पाकिस्तान की भारत के खिलाफ धमकियां केवल भारतीय सेना द्वारा 10 मई को कई पाकिस्तानी वायुसेना अड्डों को तबाह करने के बाद ही बंद हुईं। उन्होंने कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हाल के संघर्ष का एक अजीबो-गरीब विवरण प्रस्तुत किया।
सेना ने हमसे युद्धविराम की लगाई गुहार
इस मामले का रिकॉर्ड स्पष्ट है। 9 मई तक, पाकिस्तान भारत पर और हमलों की धमकी दे रहा था। लेकिन 10 मई को, उसकी सेना ने हमसे सीधे युद्धविराम की गुहार लगाई। बीच में जो भी घटना हुई वह केवल ये थी कि भारतीय सेना ने कई पाकिस्तानी वायुसेना अड्डों को नष्ट किया। उन नुकसानों की तस्वीरें निश्चित रूप से सार्वजनिक रूप से उपलब्ध हैं। यदि नष्ट हुए रनवे और जले हुए हैंगर जीत की तरह दिखते हैं, जैसा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया, तो पाकिस्तान इसे अपनी जीत मानने के लिए स्वतंत्र है।
भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल से उड़ाए पाक के एयरबेस
भारत द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उपयोग कर पाकिस्तान के कई प्रमुख एयरबेसों पर सटीक हमले किए। इन हमलों में बहावलपुर, मुरिदके और अन्य रणनीतिक स्थानों पर स्थित पाकिस्तानी वायुसेना के रनवे, हैंगर और आतंकी ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचा। ब्रह्मोस मिसाइलों की गति और सटीकता ने पाकिस्तानी रक्षा तंत्र को चकमा दे दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई लड़ाकू विमान और सैन्य सुविधाएं नष्ट हो गईं।
आतंकवाद के खिलाफ “सहयोगी” होने का ढोंग
भारतीय राजदूत ने पाकिस्तान को वैश्विक आतंकवाद का केंद्र बताते हुए कई उदाहरण दिए। उन्होंने उल्लेख किया कि पाकिस्तान ने दशक भर तक ओसामा बिन लादेन को शरण दी, जबकि आतंकवाद के खिलाफ “सहयोगी” होने का ढोंग रचता रहा। गहलोत ने कहा कि 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के लिए जिम्मेदार “द रेसिस्टेंस फ्रंट” (TRF) को पाकिस्तान संरक्षण देता है।
मुरिदके में आतंकी ठिकानों पर हमला
उन्होंने कहा, “25 अप्रैल 2025 को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान ने इस पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकी संगठन को पहलगाम नरसंहार की जिम्मेदारी से बचाया।” उन्होंने “ऑपरेशन सिंदूर” का जिक्र करते हुए बताया कि भारत ने बहावलपुर और मुरिदके में आतंकी ठिकानों पर हमला कर कई आतंकियों को मार गिराया। गहलोत ने पाकिस्तानी मंत्रियों के हालिया बयानों का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान दशकों से आतंकी शिविर चला रहा है। उन्होंने मांग की, “पाकिस्तान को तत्काल सभी आतंकी शिविर बंद करने चाहिए, वांछित आतंकवादियों को सौंपना चाहिए। भारत आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को ‘परमाणु ब्लैकमेल’ से डरे बिना जवाबदेह ठहराएगा।
द्विपक्षीय मुद्दों पर भारत की स्थिति
गहलोत ने कश्मीर और सिंधु जल संधि जैसे मुद्दों पर पाकिस्तान के तीसरे पक्ष को शामिल करने के प्रयासों को खारिज करते हुए कहा, “भारत और पाकिस्तान लंबे समय से सहमत हैं कि उनके बीच कोई भी लंबित मुद्दा द्विपक्षीय रूप से हल किया जाएगा। इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई गुंजाइश नहीं है।” उन्होंने शरीफ के “शांति” के आह्वान पर सवाल उठाते हुए कहा, “अगर वह वास्तव में ईमानदार हैं, तो पाकिस्तान को नफरत, कट्टरता और असहिष्णुता पर आत्मचिंतन करना चाहिए।