Saifni: नगर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक विजयदशमी (दशहरा) का पर्व सैफ़नी नगर में गुरुवार को पारंपरिक धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया गया। सार्वजनिक आयोजनों में रावण दहन की गहमागहमी रही, वहीं घरों में लोगों ने अपने पारिवारिक रीति-रिवाजों और आस्था के साथ यह पावन पर्व मनाया।
किताबों की विधि-विधान से पूजा
पर्व के अवसर पर, घरों में लोगों ने अपनी शस्त्र पूजा की। इसके साथ ही, ज्ञान की महत्ता को दर्शाते हुए कलम, दवात, कॉपियों और किताबों की भी विधि-विधान से पूजा की गई। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन इन वस्तुओं की पूजा से ज्ञान और शक्ति में वृद्धि होती है।
सुख-समृद्धि और विजय का आशीर्वाद
विजयदशमी के शुभ अवसर पर लोगों ने एक-दूसरे के घर जाकर और मिलकर शुभकामनाओं का आदान-प्रदान किया। इस दौरान, प्राचीन परंपरा का निर्वाह करते हुए लोगों ने एक-दूसरे को शमी के पत्ते भेंट किए। शमी के पत्तों को स्वर्ण के प्रतीक के रूप में माना जाता है, जो सुख-समृद्धि और विजय का आशीर्वाद देने के लिए दिए जाते हैं।