Sanjay Raut: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत को टैरिफ की ताजा धमकी देने के बाद शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि इससे पहले कभी भी किसी भी रूसी या अमेरिकी नेता ने भारत से इस तरह बात नहीं की है। उन्होंने देश पर डोनाल्ड ट्रंप के दबाव बनाने के अधिकार पर भी सवाल उठाए।
भारत पर दबाव बनाने वाले कौन
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राउत ने कहा, “ट्रंप बार-बार भारत को धमका रहे हैं, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री और सरकार इस पर एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं हैं। राष्ट्रपति ट्रंप भारत पर दबाव बनाने वाले कौन होते हैं? इससे पहले किसी भी रूसी या अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत के बारे में इस तरह बात नहीं की।
तेल खरीदने से भारत पर अमेरिकी शुल्क
ऐसा कहकर संजय राउत ने देश के अंदर मोदी सरकार और बाहर की ट्रंप सरकार दोनों पर निशाना साधा है। दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर अमेरिकी शुल्क में खासी बढ़ोतरी करने जा रहे हैं। ट्रंप ने भारत पर भारी मात्रा में रूस से तेल खरीदने और उसे बड़े मुनाफे पर बेचने का आरोप भी लगाया था।
ट्रंप ने सोशल ट्रूथ पर क्या लिखा था
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया ट्रुथ सोशल पर लिखा, “भारत रूस से भारी मात्रा में तेल सिर्फ खरीद ही नहीं रहा है, बल्कि उस तेल के बड़े हिस्से को खुले बाजार में ऊंचे दामों पर बेचकर भारी मुनाफा भी कमा रहा है। उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन द्वारा कितने लोग मारे जा रहे हैं। इसीलिए, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ़ में काफ़ी वृद्धि करूँगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!!!”
भारत ने अपने अधिकारों का किया बचाव
इस बीच, भारत ने अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर अपनी ऊर्जा नीति बनाने के अपने संप्रभु अधिकारों का बचाव किया है। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को अमेरिका और यूरोपीय संघ की आलोचना के बावजूद रूस से तेल आयात करने के देश के फैसले का पुरजोर बचाव किया। एमईए ने अपने बयान में कहा कि रूस से भारत का तेल आयात अपनी जरूरतों पर आधारित है और इसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती दर पर तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। विदेश मंत्रालय ने दो टूक कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।